गोरखपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में ओरल कैंसर ऑपरेशन के बाद मरीजों के मुंह में उगे अनचाहे बाल हटाने में सफलता मिली है। यह दुर्लभ जटिलता इंडियन डर्मेटोलॉजी ऑनलाइन जर्नल में भी प्रकाशित की गई।
पृष्ठभूमि:
दो ओरल कैंसर रोगियों के कैंसरग्रस्त मुँह के हिस्से को निकालकर शरीर की दूसरी जगह से ली गई त्वचा (एक में जांघ की, दूसरे में गर्दन की) प्रत्यारोपित की गई थी। समय के साथ इन स्थानों पर बाल उगने लगे, जिससे खुजली, जलन, दुर्गंध, भोजन निगलने में कठिनाई और सामाजिक असहजता हुई।
इलाज की चुनौतियाँ:
मुख के अंदर सफेद व महीन बालों के कारण लेजर तकनीक अप्रभावी साबित हुई।
हेयर इलेक्ट्रोलाइसिस से समाधान:
एम्स के त्वचा एवं चर्म रोग विभाग के डॉ. सुनील कुमार गुप्ता और टीम ने हेयर इलेक्ट्रोलाइसिस अपनाई। इसमें इलेक्ट्रोकेटरी प्रोब से जुड़ी अत्यंत बारीक सुई द्वारा प्रत्येक बाल की जड़ तक विद्युत प्रवाह पहुंचाया गया, जिससे बाल स्थायी रूप से नष्ट हुए।
- एक बार में 200–300 बाल हटाए गए
- कुल 5–6 सत्रों में आठ सप्ताह में प्रक्रिया पूरी हुई
- सत्रों के दौरान मुंह की नाजुक त्वचा का विशेष ध्यान रखा गया
डॉ. सुनील गुप्ता के अनुसार, दोनों मरीज (41 व 51 वर्ष) अब पूरी तरह सामान्य हैं और बाल पुनः उगे नहीं। एम्स की कार्यकारी निदेशक डॉ. विभा दत्ता ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि एम्स का उद्देश्य मरीजों को सिर्फ बीमारी से मुक्ति नहीं, बल्कि आत्मविश्वास से भरपूर जीवन प्रदान करना भी है।