अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई फिलहाल टाल दी गई है। अदालत ने सरकारी वकील की मांग पर अगली सुनवाई की तारीख 21 जून तय की है, क्योंकि उन्होंने लिखित आपत्ति दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
मामला क्या है?
मऊ जिले के एक विवादित भाषण के मामले में 31 मई 2025 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया था। उन्हें दो साल की सजा और ₹11,000 का जुर्माना सुनाया गया। यह भाषण 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहाड़पुरा मैदान में एक जनसभा के दौरान दिया गया था, जिसमें अंसारी ने कथित तौर पर प्रशासन के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद अधिकारियों से “हिसाब-किताब” किया जाएगा।
जनसभा के बाद तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई थी। इस मामले में अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं—506, 171-एफ, 186, 189, 153-ए और 120-बी—के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था।