इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता अब्दुल्ला आजम द्वारा दायर दो अलग-अलग मामलों में याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली है। ये याचिकाएं रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही कार्यवाही को रद्द कराने को लेकर दाखिल की गई थीं। एक मामला फर्जी पासपोर्ट और दूसरा दो पैन कार्ड रखने से जुड़ा है।
न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया। मामले में शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना की ओर से अधिवक्ता शरद शर्मा और समर्पण सक्सेना ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि पहला प्रकरण पासपोर्ट में कथित तौर पर गलत जन्मतिथि के इस्तेमाल से जुड़ा है, जिसके आधार पर वर्ष 2019 में रामपुर के सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
शिकायत में कहा गया है कि अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक दस्तावेजों और पासपोर्ट आवेदन में दी गई जन्मतिथि में भिन्नता है, जिससे धोखाधड़ी की आशंका है।
वहीं, दूसरा मामला दो पैन कार्ड रखने से संबंधित है। यह प्राथमिकी भी दिसंबर 2019 में सिविल लाइन थाने में दर्ज की गई थी, जिसमें अब्दुल्ला आजम के साथ उनके पिता और पूर्व मंत्री आजम खां को भी आरोपी बनाया गया है।