शाहजहांपुर। चौक कोतवाली क्षेत्र के दीवान जोगराज मोहल्ला निवासी प्रगतिशील किसान शरद चंद्र सक्सेना को डिजिटल अरेस्ट के ज़रिए साइबर ठगों ने एक करोड़ से अधिक की ठगी का शिकार बना लिया। इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह के मुख्य संचालक की तलाश अभी जारी है।
साइबर जालसाजों ने खुद को विभिन्न एजेंसियों का अधिकारी बताकर वीडियो कॉल पर पीड़ित को डिजिटल रूप से गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने फर्जी जमानत और केस से बरी कराने के नाम पर 14 दिन तक संपर्क में रहकर चार अलग-अलग खातों में एक करोड़ चार लाख 47 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। इसके बाद ठगों ने मोबाइल बंद कर दिए।
40 खातों में घुमाई गई रकम
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि गिरोह ने पीड़ित को यह कहकर भ्रमित किया कि उसके खाते से 2.80 करोड़ रुपये का अवैध लेनदेन हुआ है। इसके बाद चार खातों में पैसे मंगवाकर, रकम को 40 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। इनमें से 71 लाख रुपये एक कॉरपोरेट खाते के माध्यम से हैदराबाद भेजे गए, जहां उसी दिन तीन करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ था।
जांच के दौरान जब इस खाते के धारक से संपर्क किया गया, तो उसने बताया कि उसके खाते का गलत इस्तेमाल हुआ है और इस संबंध में वह साइबर थाने में शिकायत दर्ज करा चुका है। इसी कड़ी में जांच आगे बढ़ी और सात आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में शामिल हैं:
- सचिन अहिरवार, झांसी
- प्रशांत कटारा, आगरा
- गौतम सिंह उर्फ लखनऊ ठाकुर, नई दिल्ली (एमबीए पास)
- संदीप कुमार पुंडीर, बुलंदशहर
- सैयद सैफ उर्फ सोनू, फरीदाबाद
- आर्यन शर्मा, गाजियाबाद
- पवन यादव, टीकमगढ़, मध्य प्रदेश
पुलिस ने इनके पास से नौ मोबाइल फोन, सात डेबिट कार्ड और एक पासबुक बरामद की है। सभी आरोपी एक फिनटेक साइबर ठगी गिरोह से जुड़े हैं और कमीशन के लालच में इस आपराधिक गतिविधि में शामिल थे।