भीषण गर्मी में ट्रेनों-विमानों का एसी फेल, यात्रियों का हंगामा; वंदे भारत में टूटा शीशा

लखनऊ के अत्याधुनिक टी-3 टर्मिनल से लेकर प्रीमियम ट्रेनों की वातानुकूलित बोगियों तक, यात्रियों को भीषण गर्मी में कूलिंग सिस्टम की विफलता का सामना करना पड़ रहा है। महंगे किराए चुकाने के बावजूद मुसाफिर गर्मी और घुटन में सफर करने को मजबूर हो रहे हैं।

बुधवार को लखनऊ से बेंगलुरु जाने वाली एक फ्लाइट न केवल 40 मिनट विलंब से रवाना हुई, बल्कि विमान के भीतर एसी कूलिंग भी काम नहीं कर रही थी। यात्री आज़ाद ने बताया कि क्रू मेंबर्स ने कूलिंग दुरुस्त करने की कोशिश की, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ और उन्हें पूरा सफर घुटन में बिताना पड़ा।

इसी तरह, इंडिगो की पुणे जाने वाली उड़ान (6E-118) से यात्रा करने पहुंचे देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ के टी-3 टर्मिनल पर, जहाँ करोड़ों रुपये की लागत से विश्वस्तरीय सुविधाएं बनाई गई हैं, वहां भी गर्मी से राहत नहीं मिल सकी क्योंकि एयर कंडीशनिंग बंद थी। गेट नंबर 15 पर बैठे यात्रियों को पसीना बहाना पड़ा।

ट्रेनों में भी एसी सेवा फेल, यात्रियों को गर्मी ने किया बेहाल

ट्रेनों की वातानुकूलित बोगियों में यात्रा करने वाले यात्रियों को भी कूलिंग की समस्या से जूझना पड़ा। पुणे से गोरखपुर जा रही ट्रेन (05030) की सेकेंड एसी बोगी में बैठे एक यात्री ने शिकायत की कि एसी में लंबे समय से सर्विसिंग नहीं हुई, जिससे कूलिंग बिल्कुल बंद थी। इसी प्रकार, लखनऊ से नई दिल्ली जाने वाली एसी सुपरफास्ट (12429), वाराणसी-बहराइच इंटरसिटी (14213), शहीद एक्सप्रेस और पुरबिया एक्सप्रेस (15280) में भी थर्ड एसी और फर्स्ट एसी कोच में तापमान अत्यधिक गर्म था।

वंदे भारत में टूटा शीशा, बढ़ी गर्मी की परेशानी

प्रयागराज से लखनऊ जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस (22550) में चेयरकार कोच का शीशा टूटने की वजह से तेज धूप और गर्म हवाएं कोच के अंदर घुसती रहीं। यात्रियों ने सोशल मीडिया के जरिए रेल मंत्रालय से शिकायत की कि टूटी खिड़की के कारण वातानुकूलन प्रभावी नहीं हो सका और सफर असहज हो गया।

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