समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा में एक कथावाचक के साथ हुए दुर्व्यवहार को घोर निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि कथावाचक का सिर मुंडवा कर, चोटी काट कर और पेशाब से शुद्धिकरण के नाम पर अपमानित किया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर किस धर्मग्रंथ में लिखा है कि पिछड़े या दलित समाज का व्यक्ति कथा नहीं सुना सकता?
उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि अब यह पार्टी कुछ लोगों से नफरत भरे बयान दिलवाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि समाज में दलितों और पिछड़ों पर हो रहे अत्याचारों पर रोक केवल सपा सरकार ही लगा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उन्होंने ग्वालियर से लिपुलेक तक आठ लेन सड़क की मांग की थी, लेकिन सरकार ने सिर्फ चार लेन का भरोसा दिया और आखिरकार दो लेन ही बनाई। यदि उनकी सरकार सत्ता में आती है तो गंगा नदी पर आठ लेन पुल बनवाने का वादा भी किया।
पूर्व सांसद छोटे सिंह यादव की तेरहवीं में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचारों ने सारी हदें पार कर दी हैं। उन्होंने कहा कि इटावा की घटना बेहद दुखद है और यह समझना होगा कि कोई भी समाज क्यों कथा नहीं कह सकता। श्रीकृष्ण स्वयं पिछड़े समाज से थे और विश्व भर में पूजे जाते हैं। भाजपा को इसी सच्चाई से परेशानी है। उन्होंने पूछा कि भगवान राम और हनुमान की जाति किसने तय की?
निष्पक्ष भर्तियों को लेकर भी उन्होंने सरकार पर सवाल उठाया और कहा कि भाजपा पीडीए वर्ग की नियुक्तियों की सूची सार्वजनिक करे। उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार में बिना किसी परीक्षा के मेरिट के आधार पर नौकरियां दी गईं। उन्होंने चुनौती दी कि कोई एक व्यक्ति सामने लाएं जो यह कहे कि पैसे लेकर नौकरी दी गई थी, अन्यथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सनातन धर्म त्याग देना चाहिए, क्योंकि सनातन धर्म में झूठ बोलना पाप माना गया है।
उन्होंने भारत-चीन संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि युद्ध के समय ग्वालियर से लिपुलेक तक आठ लेन सड़क की आवश्यकता जताई गई थी, लेकिन सरकार ने केवल दो लेन का मार्ग बनाकर अपनी नीयत साफ कर दी। उन्होंने कहा कि यदि उनकी सरकार आती है, तो गंगा नदी पर आठ लेन पुल जरूर बनेगा। उन्होंने महंगाई और भ्रष्टाचार को लेकर भी केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की और कहा कि देश में अघोषित आपातकाल जैसे हालात हैं।
स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत हमेशा सहिष्णु और सभी को स्वीकार करने वाला देश रहा है, लेकिन भाजपा की सोच इसके विपरीत है। इटावा की घटना पर उन्होंने कहा कि जनता को पहले जागरूक किया जाएगा और आवश्यकता पड़ी तो आंदोलन भी छेड़ा जाएगा। इस दौरान उनके साथ सपा के जिलाध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव, डॉ. नवलकिशोर शाक्य और मोहन यादव भी मौजूद रहे।
इटावा कांड की जांच की मांग
वहीं दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ता शिवम दुबे ने प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर सिंह को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि इटावा में कथावाचक के साथ हुई घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद कुछ राजनीतिक लोग सोशल मीडिया पर सवर्ण समाज को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।