कासगंज के गांव रायपुर में तीन सगे भाइयों के मकानों में अचानक कहीं भी आग लग जाती है। चाहें वह सामान दीवार पर लटका हो या फर्श पर रखा हो। बक्से, अलमारी, ट्यूबवेल पर कई बार आग लग चुकी है। परिवार के लोगों का कहना है कि पिछले 6 दिनों में 100 बार आग लग चुकी है। सूचना पर अग्निशमन विभाग के मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने भी मौके का निरीक्षण किया। उन्हें भी आग लगने का कोई कारण समझ नहीं आया। मौके पर पहुंचे राजस्व निरीक्षक के सामने भी अचानक आग लग चुकी है। अभी तक यह गुत्थी सुलझी नहीं है। परिवार के लोग दहशत में है। आग से बचाव के लिए एहतियात बरत रहे हैं।
रायपुर पटना ग्राम पंचायत के रायपुर गांव में रूप सिंह, कन्हई पाल सिंह, वीरेंद्र सिंह तीनों सगे भाई हैं। तीनों के घर आसपास में ही हैं। आग लगने की पहली घटना 1 अप्रैल को रूप सिंह के घर में हुई। सुबह करीब साढ़े पांच बजे घर में रखे सामान में अचानक आग की लपटें देखीं तो परिवार के लोगों ने आग बुझाई व सामान हटाया। उसके बाद तीनों भाइयों के घर में अलग अलग समय में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया।

रूप सिंह ने बताया कि अब तक पिछले छह दिनों में करीब 100 बार आग लग चुकी है। तहसीलदार के निर्देश पर लेखपाल मौके पर पहुंचे तो उनके सामने भी अचानक आग भड़क गई। इसी तरह मुख्य अग्निशमन अधिकारी के सामने भी आग लगी। घरों में बार-बार आग लगने से ग्रामीणों में कौतूहल है। परिजनों का कहना है कि दो लाख से अधिक का सामान अब तक जल गया है। घरेलू कपड़े, बिस्तर यहां तक कि दीवार पर लटका कलेंडर सहित कई जगहों पर आग लग चुकी है। परिवार के लोगों ने घर का सामान अन्य ग्रामीणों के यहां रख दिया है।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी रजनीश आनंद का कहना है कि उन्होंने मौके का निरीक्षण किया है। आग लगने का कोई कारण समझ नहीं आ रहा। खुद ही घर में रखा सामान जलने लगता है। वैज्ञानिक कारण अभी तक पता नहीं चल सका है।

सीएफओ रजनीश आनंद ने बताया कि फायर बिग्रेड की टीम को अलर्ट पर रखा गया है। लगातार गांव में फायर ब्रिगेड के साथ टीम मौजूद रहती है। जिससे आग की कोई बड़ी घटना न हो जाए।

रायपुर गांव में तीन घरों में हो रहीं बार बार आग लगने की घटना को लेकर लोगों के घर में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कोई इसे चमत्कारिक घटना बता रहा है तो कोई ऊपरी हवा का चक्कर बता रहा है, तो कोई परिवार में हुईं अकाल मृत्यु को कारण बता रहा है। ग्रामीण प्रमोद कुमार ने ऐसी कई चर्चाएं बताईं हैं।