मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे आकर्षक निवेश गंतव्य बन चुका है और भारत में उत्तर प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि काशी और तमिलनाडु भारतीय संस्कृति के दो ऐसे केंद्र हैं, जहां परंपरा और अध्यात्म का समान रूप से संरक्षण हुआ है। संस्कृत और तमिल साहित्य भारतीय भाषाओं की प्राचीन जड़ें हैं, जो देश की एकता और समरसता का प्रतीक हैं।
योगी शुक्रवार देर शाम काशी के नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम में नवनिर्मित धर्मशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन, तमिलनाडु सरकार के मंत्री, निवेशक और अनेक अतिथि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने ‘वणक्कम काशी’ से संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि यह धर्मशाला श्रद्धालुओं के ठहरने की सुविधा तो देगी ही, साथ ही काशी और तमिलनाडु के ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी।
उन्होंने बताया कि इस धर्मशाला की नींव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रखी थी। करीब 200 वर्ष पूर्व श्रीकाशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम सोसाइटी ने भगवान विश्वनाथ की पूजा की परंपरा यहां शुरू की थी, जिसे अब नई पहचान मिली है।
योगी ने कहा कि उपराष्ट्रपति का काशी आगमन तमिलनाडु और उत्तर भारत की सांस्कृतिक एकात्मता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आदिकाल से चली आ रही यह साझी परंपरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और सशक्त हो रही है। तेनकाशी में भगवान विश्वनाथ का प्राचीन मंदिर इस सांस्कृतिक कड़ी का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से गंगा महोत्सव और देव दीपावली में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा कि काशी की भव्यता और दिव्यता हर आगंतुक को नई ऊर्जा का अनुभव कराएगी।
उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम द्वारा स्थापित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग और काशी के विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग एक-दूसरे के पूरक हैं। यह उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का सुंदर उदाहरण है। आदि शंकराचार्य ने इसी एकता को सुदृढ़ करते हुए चारों दिशाओं में पीठों की स्थापना की थी।
योगी ने बताया कि अयोध्या धाम में चारों प्रमुख द्वार दक्षिण भारत के महान संतों के नाम पर समर्पित किए गए हैं। इसके साथ ही अयोध्या में संत त्यागराज स्वामी, पुरंदरदास स्वामी और अरुणाचल कवि की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी अब भक्ति और विकास दोनों का संगम बन चुकी है। विश्वनाथ धाम परियोजना इसका प्रतीक है, जिसने श्रद्धा को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा है। उन्होंने बताया कि अब तक 51 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं स्वीकृत की जा चुकी हैं, जिनमें से 34 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लोकार्पण प्रधानमंत्री कर चुके हैं। करीब 16 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर कार्य जारी है।
सीएम ने बताया कि जल्द ही काशी को अर्बन रोपवे की सौगात मिलने वाली है, जो पर्यावरण के अनुकूल सार्वजनिक परिवहन का नया अध्याय लिखेगा।
कार्यक्रम में तमिलनाडु के मंत्री एस. रघुपति, राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल, श्रीकाशी नाटकोट्टई अध्यक्ष एल. नारायणन, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, मेयर अशोक तिवारी और डीएम सत्येंद्र कुमार समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।