शिक्षा को नैतिक मूल्यों से जोड़ें, शिक्षा केवल अंकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए: सीएम योगी


लखनऊ में शनिवार को आयोजित ‘शिक्षक धन्यवाद समारोह’ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत की। कार्यक्रम में उन्होंने आईसीएससीई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के टॉपर्स, जेईई मेन टॉपर स्टूडेंट्स और शिक्षकों को सम्मानित किया।

शिक्षा के व्यापक दृष्टिकोण पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा सिर्फ अच्छे अंकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे नैतिक मूल्यों, संस्कारों और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भी जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अंक अर्जित करना नहीं, बल्कि ऐसा जीवन निर्माण करना है जो देश और समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बने।

विकसित भारत में शिक्षा की भूमिका

सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने में शिक्षा और शिक्षकों की भूमिका अहम है। शिक्षकों को ऐसी पीढ़ी तैयार करनी चाहिए जो न केवल अकादमिक रूप से श्रेष्ठ हो, बल्कि नैतिक रूप से भी सशक्त हो। विकसित भारत वह है जहां हर नागरिक सुरक्षित, समृद्ध और आत्मनिर्भर हो।

शिक्षकों का कर्तव्य: देशभक्ति और नैतिकता का संचार

सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए सीएम ने कहा कि युवाओं में राष्ट्रभक्ति और नैतिकता का अभाव देशविरोधी विचारों को जन्म देता है। इसलिए शिक्षकों का दायित्व है कि वे न केवल छात्रों को ज्ञान दें, बल्कि उनमें देशप्रेम और नैतिकता भी विकसित करें।
सीएम योगी ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ नौकरी पाना नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण में योगदान देना भी होना चाहिए। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों में राष्ट्रीय मूल्यों और संस्कारों का समावेश करें, ताकि वे समाज के लिए प्रेरक बन सकें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here