पांच लोगों की हत्या करने वाले आरोपी अरशद व उसके पिता उमर बदर ने 30 दिसंबर की शाम करीब 4:30 बजे नाका के चारबाग स्थित होटल शरणजीत पहुंचे थे। दोनों ने दो दिन के लिए होटल का कमरा नंबर 109 बुक किया था और लखनऊ घूमने की बात कही थी।

होटल मैनेजर जब्बार उर्फ लंबू ने बताया कि 30 दिसंबर को सभी लोग घूमने गए थे, लेकिन कुछ देर के बाद लौट आए थे। होटल के पास में बने एक होटल से पिता-पुत्र खाना लेकर आए और सभी खाने के बाद सो गए। 31 दिसंबर की दोपहर वह लोग फिर से घूमने की बात कहकर निकले और रात 9:30 बजे लौटे। पिता-पुत्र ने होटल वालों को बताया कि वह लोग चिड़ियाघर और कई जगह गए थे। रात को अरशद पास के ही होटल से खाना लाया और बदर शराब लेकर आया। इसके बाद कमरे में क्या हुआ, यह किसी को नहीं पता।

सुबह 4:30 बजे होटल से निकले थे पिता-पुत्र
होटल मैनेजर के मुताबिक बुधवार सुबह करीब 4:30 बजे पिता-पुत्र होटल से बिना कुछ बताए निकले थे। करीब सुबह सात बजे अरशद को लेकर पुलिस होटल पहुंची तो घटना की जानकारी हुई। सोमवार रात कमरे के अंदर से न कुछ सुनाई दिया और न ही स्टाफ को आभास हुआ कि कमरे में पांच लोगों की हत्या की गई है।

होटल में ठहरे लोगों को उठानी पड़ी दिक्कत

Lucknow massacre: Took room number 109 in hotel for two days, when returned that night, had this stuff in han

होटल शरणजीत में मंगलवार रात करीब 12 लोग ठहरे थे। सुबह सात बजे पुलिस धड़धड़ाते हुए होटल पहुंची तो यहां ठहरे लोग सहम गए। कुछ तो सामान लेकर खिसक गए तो कुछ इधर-उधर चले गए। कुछ ही देर के बाद पुलिस ने होटल के रास्ते को रस्सा लगाकर बंद कर दिया। समय गुजरा तो सामान लेने लोग होटल पहुंच तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। फॉरेंसिक की टीम ने जांच की। दोपहर 11 बजे के आसपास लोगों को कमरे से सामान निकालने की अनुमति दी गई। कुछ ही देर में पूरा होटल खाली हो गया। पुलिस ने कमरा नंबर 109 को सील कर दिया।

दुकानें खुली पर ग्राहक नहीं आए
होटल शरणजीत होटल चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने एक संकरी गली में है। यहां 24 से अधिक खाने-पीने के होटल व दुकानें हैं। जब दुकानदार, दुकान खोलने पहुंचे तो उन्हें पांच लोगों की हत्या की बात पता चली। दुकानदारों ने दुकान तो खोली पर पुलिस मौजूद होने से ग्राहक नहीं पहुंचे। दिनभर आसपास के लोग होटल में हुई घटना की जानकारी लेते रहे।