लखनऊ: व्यापारी की आत्महत्या के पीछे ससुराल का दबाव, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

लखनऊ के चौक क्षेत्र स्थित अशरफाबाद में कपड़ा व्यापारी शोभित की आत्महत्या के मामले में जांच के दौरान नया मोड़ सामने आया है। पुलिस छानबीन में पता चला है कि शोभित का ससुराल की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था। इस विवाद ने मानसिक तनाव को और गहरा कर दिया था।

संपत्ति और कर्ज को लेकर था विवाद

शोभित की पत्नी सुचिता की दो बहनें हैं, जिनमें से एक बहन मुदिता अपने पति विवेक के साथ नेपालगंज स्थित मायके में अपनी मां के साथ रहती है। एसीपी राजकुमार सिंह ने जानकारी दी कि शोभित के भाई शेखर की शिकायत पर विवेक और उनकी पत्नी मुदिता के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

जांच में खुलासा हुआ है कि मुदिता और विवेक ने शोभित और उनकी पत्नी से लाखों रुपये उधार लिए थे और आश्वासन दिया था कि वे संपत्ति बेचकर रकम लौटा देंगे। लेकिन जब शोभित ने पैसे वापस मांगे तो उन्होंने मना कर दिया और कथित तौर पर अशोभनीय भाषा का प्रयोग भी किया।

ससुराल में बेइज्जती, लौटकर की खुदकुशी

करीब 15 दिन पहले शोभित अपनी पत्नी और बेटी के साथ नेपालगंज स्थित ससुराल गए थे, जहां उन्होंने विवेक से रकम लौटाने और संपत्ति में हिस्सेदारी की बात की थी। आरोप है कि बातचीत के दौरान विवेक ने न केवल उन्हें अपमानित किया बल्कि धमकाकर घर से निकाल दिया। विवेक ने कथित तौर पर कहा कि “यह नेपालगंज है, यहां वही होगा जो मैं चाहता हूं।” इसके बाद अपमानित होकर शोभित वापस लौटे और उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया।

वित्तीय दबाव भी बना कारण

राजाजीपुरम ई ब्लॉक निवासी और किराना व्यापारी पारस मिश्रा ने बताया कि शोभित ने साड़ी, लहंगा और सलवार-सूट की दुकान खोली थी, लेकिन व्यापार में लगातार नुकसान हो रहा था। चर्चा है कि आत्महत्या से कुछ दिन पहले बैंक कर्मी और वसूली एजेंट उनके घर और दुकान पर तगादा करने आए थे।

वहीं, व्यापार मंडल के अध्यक्ष ऋषभ गुप्ता ने कहा कि शोभित व्यापार को लेकर चिंतित रहते थे, लेकिन उन्होंने कभी किसी पदाधिकारी से आर्थिक परेशानी या कर्ज के बारे में खुलकर बात नहीं की।

सूदखोरों के दबाव में था व्यापारी

एक स्थानीय व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शोभित ने कर्ज चुकाने के लिए अलग-अलग जगहों से ब्याज पर पैसे उठाए थे। धीरे-धीरे उनपर कर्ज और ब्याज का बोझ बढ़ता गया। उन्होंने बताया कि सूदखोर कई बार उन्हें धमकाते और अपमानित करने की चेतावनी देते थे, जिससे शोभित मानसिक रूप से टूट गए थे।

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