मथुरा में एक अनुकरणीय घटना सामने आई, जब मुड़िया पूर्णिमा मेले के दौरान परिक्रमा मार्ग पर तैनात एक होमगार्ड ने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के काफिले को रोक दिया। नियमों का कड़ाई से पालन करते हुए उसने ई-रिक्शा को आगे बढ़ने नहीं दिया, भले ही उसमें जिलाधिकारी सीपी सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार सवार थे। इस व्यवहार से प्रभावित होकर अधिकारियों ने उसे सम्मानित करने का निर्णय लिया।
यह वाकया शनिवार शाम का है, जब मथुरा में चल रहे मुड़िया मेले के दौरान व्यवस्थाओं का जायजा लेने जिलाधिकारी और एसएसपी अधीनस्थों के साथ ई-रिक्शा से गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर निकले थे। राधाकुंड से गोवर्धन की ओर बढ़ते समय, बागड़ी प्याऊ तिराहे पर लगे बैरियर पर तैनात होमगार्ड महेंद्र सिंह ने उन्हें रोक लिया।
डीएम और एसएसपी द्वारा परिचय दिए जाने के बावजूद होमगार्ड ने नियमों का हवाला देते हुए उन्हें आगे जाने से रोक दिया। उसने स्पष्ट किया कि परिक्रमा मार्ग पर ई-रिक्शा का संचालन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है, और यह आदेश स्वयं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया था।
होमगार्ड की कर्तव्यपरायणता और निष्ठा देखकर अधिकारी बेहद प्रभावित हुए। एसएसपी श्लोक कुमार ने उसे सार्वजनिक रूप से सम्मानित करने की घोषणा की। इसके बाद अधिकारियों ने भी नियमों का पालन करते हुए अपने निरीक्षण के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाया।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। यह घटना न केवल अनुशासन का उदाहरण बनी, बल्कि यह भी दर्शाया कि नियम सभी के लिए समान हैं—चाहे वे आम नागरिक हों या प्रशासनिक अधिकारी।