वक्फ कानून के विरोध में मेरठ में लाइनमैन ने काट दी 30 कॉलोनियों की सप्लाई, बर्खास्त

देशभर में वक्फ अधिनियम के खिलाफ जारी विरोध के तहत मुस्लिम संगठनों ने 1 मई की रात 9 बजे से 9:15 बजे तक घरों की बिजली बंद रखने का आह्वान किया था। इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बिजली विभाग के एक कर्मचारी ने नियमों की अनदेखी करते हुए 30 कॉलोनियों की बिजली आपूर्ति रोक दी, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।

बिना अनुमति की गई बिजली कटौती

मेरठ के इस्लामाबाद, लोहिया नगर, अहमदनगर और जली कोठी जैसे क्षेत्रों में रात के समय हजारों घरों की बिजली सप्लाई रोक दी गई। इस दौरान कई लोगों ने इनवर्टर का उपयोग कर रोशनी जारी रखी, लेकिन जब कुछ लोगों ने सभी को लाइट बंद करने के लिए कहा, तो माहौल गर्म हो गया। बाद में जब बिजली बहाल हुई और मामले की तहकीकात की गई, तो पता चला कि यह कटौती जानबूझकर की गई थी।

ग्रामीणों ने ऊर्जा मंत्री से की शिकायत

स्थानीय लोगों ने इस घटना की शिकायत ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर से की। मंत्री ने तुरंत मेरठ ज़ोन के बिजली विभाग के अधिकारियों को जांच के आदेश दिए। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने कल्लू पंडित के नेतृत्व में बिजलीघर पहुंचकर जिम्मेदार कर्मचारी रियाजुद्दीन के खिलाफ लिखित शिकायत सौंपी।

जांच में दोषी पाए जाने पर कर्मचारी बर्खास्त

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) की एमडी ईशा दुहन ने बुलंदशहर के मुख्य अभियंता संजय कुमार को मामले की जांच सौंपी। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि लाइनमैन रियाजुद्दीन ने विभागीय प्रक्रिया का पालन किए बिना जानबूझकर बिजली सप्लाई बंद की थी। इसे गंभीर कदाचार मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा दिया गया।

मुख्य अभियंता ने दी जानकारी

मुख्य अभियंता संजय कुमार ने बताया कि रियाजुद्दीन ने न तो कोई शिकायत दर्ज की थी और न ही निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया। उन्होंने बिना अनुमति और सूचना के बिजली सप्लाई रोकी, जिसे गंभीर लापरवाही मानते हुए बर्खास्त किया गया।

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