चारबाग से बसंतकुंज तक सौ फीट नीचे गुजरेगी मेट्रो, निगम और इंजीनियरों की संयुक्त टीम करेगी सर्वे

लखनऊ मेट्रो का ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर चारबाग से बसंतकुंज तक जमीन से करीब 100 फीट नीचे से गुजरेगा। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें सात भूमिगत और पांच एलिवेटेड होंगे। बुधवार को मेट्रो परियोजना से जुड़े इंजीनियरों की टीम नगर निगम कार्यालय पहुंची और वहां सीवर, पाइपलाइन, नालों समेत अन्य अधोसंरचना की जानकारी जुटाई। साथ ही प्रस्तावित मेट्रो डिजाइन को भी निगम अधिकारियों के साथ साझा किया गया।

दो से तीन दिन में शुरू होगा संयुक्त सर्वे
नगर निगम और मेट्रो इंजीनियरों की संयुक्त टीम अगले कुछ दिनों में रूट की तकनीकी समीक्षा और स्थल सर्वेक्षण शुरू करेगी, जिससे निर्माण कार्य के दौरान मौजूदा बुनियादी ढांचे में कोई बाधा न आए। माना जा रहा है कि रूट के नीचे पुराने नालों और पाइपलाइनों की मौजूदगी के कारण मेट्रो को काफी गहराई से गुजारा जाएगा।

5801 करोड़ रुपये की लागत, 11.165 किमी लंबा रूट
चारबाग से बसंतकुंज तक बनने वाले इस मेट्रो सेक्शन की लंबाई 11.165 किलोमीटर होगी, जिस पर लगभग 5801 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। परियोजना को मई 2024 में सार्वजनिक निवेश बोर्ड (PIB) से वित्तीय मंजूरी मिल चुकी है और अब केंद्रीय मंत्रिमंडल की स्वीकृति शेष है। निर्माण कार्य चार से पांच वर्षों में पूरा होने की संभावना है।

मेट्रो विस्तार से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

  • वर्तमान में लखनऊ मेट्रो का नेटवर्क 23 किलोमीटर लंबा है, जो अमौसी से मुंशीपुलिया तक फैला है।
  • नए रूट के जुड़ने से कुल नेटवर्क 35 किलोमीटर हो जाएगा।
  • प्रस्तावित कॉरिडोर में 6.879 किमी भूमिगत और 4.286 किमी एलिवेटेड सेक्शन होगा।

प्रस्तावित स्टेशन
भूमिगत स्टेशन: चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग (लाटूश रोड), अमीनाबाद, पांडेयगंज, सिटी स्टेशन, मेडिकल कॉलेज चौराहा, चौक
एलिवेटेड स्टेशन: ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसाबाग, बसंतकुंज

चारबाग बनेगा इंटरचेंज स्टेशन
चारबाग स्टेशन इस रूट का इंटरचेंज पॉइंट होगा, जहां यात्री दूसरे रूट पर मेट्रो बदल सकेंगे। यह कॉरिडोर शहर के प्रमुख घने इलाकों जैसे अमीनाबाद, चौक और ठाकुरगंज को बसंतकुंज जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से जोड़ेगा, जहां वर्तमान में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा सीमित है।

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