मुज़फ्फरनगर। शुकतीर्थ में स्थित संत शिरोमणि सतगुरु रविदास एवं सतगुरु समनदास आश्रम में सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और आध्यात्मिक साधना की। इस अवसर पर नगीना से सांसद चंद्रशेखर भी उपस्थित रहे। अनुयायियों ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे के दौरान आश्रम में हुई व्यवस्थागत दिक्कतों पर असंतोष जताया। उनका कहना था कि वीआईपी कार्यक्रम के चलते वे गुरु की आराधना नहीं कर पाए थे।
अनुयायियों ने आरोप लगाया कि 11 जून को मुख्यमंत्री के आगमन के समय अव्यवस्था के चलते कई श्रद्धालु बिना दर्शन किए ही लौट गए, और कई संतों को उचित सम्मान नहीं मिला। इस कारण सोमवार को बड़ी संख्या में अनुयायी आश्रम पहुंचे और गुरु समनदास की समाधि पर बंदगी की।
संगठनों ने किया साधना का आह्वान
अखिल भारतीय संत शिरोमणि सतगुरु रविदास मिशन समेत कई संगठनों ने श्रद्धालुओं को आश्रम में साधना के लिए आमंत्रित किया था। इस अवसर पर भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने निर्णय लिया कि संत समनदास की पुण्यतिथि पर 10 और 11 अगस्त को एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
संत गोरधन दास पर लगाए गए अनदेखी के आरोप
कुछ संतों और अनुयायियों ने आश्रम के संत गोरधन दास पर आरोप लगाए कि उन्होंने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर अन्य संतों से कोई सलाह नहीं की, जिससे असंतोष फैल गया। इसे लेकर एक प्रतिनिधिमंडल गठित किया गया, जिसमें आचार्य कंवरपाल ब्रह्मचारी, सतपालदास महाराज, गुलाबदास महाराज, मानदास महाराज सहित कई संत शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने गोरधन दास से भेंट कर अनुयायियों की नाराजगी से अवगत कराया, जिस पर उन्होंने आश्वस्त किया कि 10 अगस्त को इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
सांसद ने भी जताई असहमति
सांसद चंद्रशेखर ने भी आश्रम में हुई अव्यवस्थाओं पर असंतोष व्यक्त किया और कहा कि संतों को सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने अनुयायियों से आपसी मतभेद दूर कर एकजुटता बनाए रखने का आह्वान किया।
संभावित तनाव को देखते हुए रही सुरक्षा चाक-चौबंद
चंद्रशेखर की उपस्थिति और अनुयायियों की नाराजगी को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। शुकतीर्थ, मोरना और भोकरहेड़ी क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात रहा और बैरिकेडिंग की गई। इस दौरान एडीएम वित्त गजेन्द्र सिंह, एसडीएम जानसठ जयेंद्र सिंह, सीओ भोपा डॉ. रविशंकर मिश्र समेत अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहे।
कौशांबी मामले में सीबीआई जांच की मांग
चंद्रशेखर ने शुकतीर्थ में पत्रकारों से बातचीत में कौशांबी प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन और कुछ लोगों ने मिलकर भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि न्याय न मिला तो अगला आंदोलन लखनऊ में होगा। उन्होंने कहा कि पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन वे और उनके कार्यकर्ता पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कांवड़ मार्ग विवाद पर भी प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने की बात कही।