कांवड़ यात्रा से पहले विवाद, ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ के मालिक और कर्मचारी मुस्लिम पाए गए

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सावन कांवड़ मेले के मद्देनज़र धार्मिक संस्थाओं की ओर से कांवड़ मार्ग पर प्रतिष्ठानों की जांच अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में स्वामी यशवीर जी महाराज के नेतृत्व में ‘सनातनी टीम’ ने शनिवार को दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर अभियान की शुरुआत की थी। रविवार को यह टीम एक ढाबे पर जांच करने पहुंची, जिसके बाद विवाद की स्थिति बन गई।

टीम जब कांवड़ मार्ग पर स्थित ‘पंडित जी वैष्णव ढाबा’ पहुंची, तो उन्होंने वहाँ कार्यरत कर्मचारियों से पहचान पत्र मांगा। कर्मचारियों द्वारा आधार कार्ड दिखाने से इंकार करने पर संदेह की स्थिति उत्पन्न हुई। टीम द्वारा ढाबे पर लगे QR कोड की जांच में मालिक का नाम मुस्लिम समुदाय से जुड़ा पाया गया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

पुलिस से शांत हुआ मामला

विवाद की सूचना पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर स्थिति को नियंत्रित किया। इस बीच यह आरोप भी सामने आया कि टीम के कुछ सदस्यों ने ढाबे के एक कर्मचारी से जबरन उसकी पैंट उतरवाने की कोशिश की। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई की और दोनों पक्षों को बयान देने के लिए बुलाया।

स्वामी यशवीर महाराज ने जारी किया वीडियो संदेश

घटना के बाद स्वामी यशवीर महाराज ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपने अनुयायियों से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने कहा कि यदि किसी को यह जानकारी मिलती है कि कोई व्यक्ति अपनी पहचान छुपाकर हिंदू नाम से व्यापार कर रहा है, तो उसे स्वयं कार्रवाई करने के बजाय पुलिस प्रशासन को सूचित करना चाहिए। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रशासन उचित निर्णय लेगा और भावनाओं का सम्मान करेगा।

संवेदनशीलता की अपील

स्वामी यशवीर ने यह भी कहा कि कुछ स्थानों पर कांवड़ यात्रा के दौरान ऐसे प्रतिष्ठान देखे जा रहे हैं जो देवी-देवताओं के नाम पर संचालित हैं, लेकिन उनके मालिक मुस्लिम समुदाय से हैं। उन्होंने इसे सनातन संस्कृति के विरुद्ध बताते हुए धार्मिक यात्रियों से सावधानी बरतने और कानून व्यवस्था को हाथ में न लेने का अनुरोध किया।

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