मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक फर्जी डॉक्टर द्वारा गर्भवती महिला का सिजेरियन ऑपरेशन किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। जब मीडिया वहां पहुंची, तो फर्जी डॉक्टर अपने सहायक के साथ अस्पताल के पीछे के दरवाजे से भागते नजर आए।
पूछताछ में उस फर्जी डॉक्टर ने कहा कि वह ऑटो क्लेव मशीन की मरम्मत के लिए आया था। जांच में पता चला कि बुढ़ाना कस्बे में उसका एक निजी अस्पताल है, लेकिन उसके पास कोई वैध मेडिकल डिग्री नहीं है।
सीएचसी के प्रभारी डॉक्टर अर्जुन ने कहा कि वह व्यक्ति केवल एक तकनीशियन था और महिला की डिलीवरी सुबह ही हो चुकी थी। हालांकि, नवजात शिशु के परिजन इस बात से असहमत हैं और उनका कहना है कि डिलीवरी सुबह 10 बजे के बाद हुई थी, जबकि फर्जी डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में मौजूद था।
स्थानीय लोगों और भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि सीएचसी प्रभारी की अनुमति से झोलाछाप डॉक्टरों को संरक्षण मिल रहा है, जो मरीजों से अवैध वसूली करने के साथ उनकी जान के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। भाजपा युवा नेता मोनू मलिक ने बताया कि बुढ़ाना सीएचसी में पहले भी कई शिकायतें आई हैं और यह घटना स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाती है।
जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को इस मामले की जानकारी दी गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। डिलीवरी के नाम पर अवैध वसूली और झोलाछाप डॉक्टरों को संरक्षण देना बेहद गंभीर मुद्दा है, जो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के साथ-साथ प्रदेश सरकार की छवि को भी प्रभावित करता है। उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।