स्वामी कल्याण देव की 150वीं जयंती पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

शुकतीर्थ। श्री शुकदेव आश्रम में वीतराग संत, शिक्षा और सेवा के प्रतीक स्वामी कल्याणदेव जी महाराज की 150वीं जयंती पर एक भव्य निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर जनपद के वरिष्ठ चिकित्सकों की टीम ने 410 रोगियों का परीक्षण कर उन्हें आवश्यक दवाएं निशुल्क वितरित कीं।

शिविर का शुभारंभ स्वामी कल्याणदेव अनुराधा धर्मार्थ चिकित्सालय परिसर में पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज के सान्निध्य में टिकोला शुगर मिल के निदेशक सुधीश प्रकाश ने किया। उन्होंने कहा कि स्वामी कल्याणदेव महाराज ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में 250 से अधिक संस्थाएं स्थापित कर राष्ट्र के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया है।

श्री शुकदेव आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डॉ. एम. एल. रंगा ने कहा कि स्वामी जी ने वंचित और पिछड़े वर्गों को शिक्षा से जोड़कर सामाजिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया। गांधी पॉलिटेक्निक के पूर्व प्राचार्य रामपाल सिंह ने स्वामी जी की सेवा भावना को अद्वितीय बताया।

शिविर में वरिष्ठ चिकित्सकों ने गहन स्वास्थ्य परीक्षण किया। इनमें प्रमुख रूप से डॉ. पंकज जैन, डॉ. एस. पी. सिंह, डॉ. आर. बी. सिंह (हृदय रोग), डॉ. राजेश्वर सिंह (हड्डी रोग), डॉ. रेखा सिंह (स्त्री रोग), डॉ. अभय बंसल (बाल रोग) सहित अन्य विशेषज्ञ शामिल रहे। शिविर में आयुर्वेद और एलोपैथ दोनों प्रकार की दवाइयां नि:शुल्क वितरित की गईं।
स्वामी ओमानंद महाराज ने अतिथि चिकित्सकों को शॉल, स्मृति चिन्ह और साहित्य भेंट कर सम्मानित किया।

इस अवसर पर स्वामी भरतदेव, गजेंद्र पाल सिंह, रमेश मलिक, ओमदत्त देव, अचल कृष्ण शास्त्री, दीपक मिश्रा, आचार्य सुमन, ठाकुर प्रसाद, युवराज, अनवर, शुभम शर्मा, पंकज त्यागी, शिवम, नोमान आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

समाधि स्थल पर चरण पूजन और श्रद्धांजलि समारोह

स्वामी कल्याणदेव महाराज की पावन समाधि स्थल पर पूजन और श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन भी किया गया। पीठाधीश्वर स्वामी ओमानंद महाराज ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ चरण पादुका का पूजन एवं अभिषेक किया। इस अवसर पर सांसद हरेंद्र मलिक और विधायक मिथलेश पाल ने भी स्वामी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें “शिक्षा के युगपुरुष” के रूप में स्मरण किया।

इसके उपरांत श्री शुकदेव अन्नक्षेत्र में विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं, संतों, पुरोहितों ने प्रसाद ग्रहण किया। साथ ही फल, मिष्ठान्न और दक्षिणा का भी वितरण किया गया।

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