बिजनौर की बढ़ापुर सीट से पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी को सिम प्रकरण में राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है। मोहम्मद गाजी पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी आईडी के जरिए सिम कार्ड जारी करवाकर उसे पूर्व विधायक शाहनवाज राना के परिजनों तक पहुंचाया था।
दरअसल, 25 मार्च की रात जिला जेल में हुई चेकिंग के दौरान शाहनवाज राना के पास से एक मोबाइल बरामद हुआ था। जांच में पता चला कि मोबाइल में उपयोग हो रही सिम शेरकोट निवासी समीर की आईडी पर जारी की गई थी। समीर ने पूछताछ में बताया कि उसकी आईडी मोहम्मद गाजी के पास थी, और उन्हीं के माध्यम से फर्जी तरीके से सिम निकाली गई।
नई मंडी कोतवाली पुलिस ने मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। निचली अदालत से जमानत खारिज होने के बाद गाजी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे मंजूरी मिल गई।
इस केस से जुड़े एक अन्य मामले में शाहनवाज राना अब भी जेल में बंद हैं। बीते वर्ष 9 दिसंबर को सहायक राज्य कर आयुक्त खंड-8, प्रद्युम्न चौधरी ने सिविल लाइन थाने में जंबूदीप एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट लिमिटेड से जुड़े फर्जीवाड़े के आरोप में शाहनवाज राना के बेटे शाह आजम राना, कामरान राना, जिया अब्बास जैदी और तौसीफ कुरैशी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच में कंपनी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज फर्जी पाए गए थे, और शाहनवाज राना पर जीएसटी टीम पर हमले का भी आरोप है।