मीरापुर, मुजफ्फरनगर। छह किलोमीटर के दायरे में टोल फ्री किए जाने के बावजूद टोल वसूली और स्थानीय युवाओं को रोजगार न दिए जाने को लेकर मंगलवार को बवाल खड़ा हो गया। विधायक मिथलेश पाल और पूर्व मंत्री योगराज सिंह टोल प्लाजा पर पहुंचे और स्थानीय लोगों के साथ सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। दोनों नेताओं ने टोल फ्री सीमा को 20 किलोमीटर तक बढ़ाने और क्षेत्रीय युवाओं को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी देने की मांग की।
बताया गया कि कुछ दिन पहले भाकियू संघर्ष मोर्चा ने छह किलोमीटर के दायरे को टोल फ्री कराने का ज्ञापन सौंपा था, जिसे स्वीकार भी कर लिया गया था। इसके बावजूद, टोल कर्मचारियों द्वारा स्थानीय लोगों से शुल्क वसूला जा रहा था। रामराज, मुझेडा, संभलहेड़ा, सालारपुर समेत आसपास के गांवों के निवासियों ने इस मामले की शिकायत विधायक से की।
मंगलवार दोपहर करीब दो बजे विधायक मिथलेश पाल, पूर्व मंत्री योगराज सिंह और रालोद नेता स. मेजर सिंह टोल प्लाजा पर पहुंचे और स्थानीय लोगों से बातचीत की। इस दौरान आरोप लगा कि टोल स्टाफ स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार करता है, और टोल मैनेजर द्वारा एक किसान नेता से भी अभद्र भाषा में बात की गई।
इसके अतिरिक्त, नयागांव भुम्मा के निवासी कुलदीप पाल समेत कई युवाओं ने आरोप लगाया कि कंपनी में वर्षों काम करने के बावजूद उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। विधायक ने टोल मैनेजर आकाश चौधरी से उच्च अधिकारियों को बुलाने की मांग की, जिसके बाद तहसीलदार श्रद्धा गुप्ता मौके पर पहुंचीं और टोल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की।
धरने के दौरान, गुस्साए लोगों ने टोल प्लाजा की सभी 16 लाइनों के बैरियर हटाकर टोल फ्री कर दिया। इस पर टोल मैनेजर ने आपत्ति जताई, लेकिन लोगों ने बात नहीं मानी।
स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की मांग
विधायक मिथलेश पाल ने बताया कि पहले कंपनी ने स्थानीय युवाओं को काम पर रखा था, लेकिन बाद में बिना किसी स्पष्ट कारण के उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। इसको लेकर बेरोजगार युवाओं ने उनसे शिकायत की थी। विधायक ने एनएचएआई के अधिकारियों से संपर्क कर समस्याओं का समाधान निकालने की बात कही।
क्या अब भी दर्ज होगा मुकदमा?
इससे पहले, पांच दिन पूर्व भी टोल स्टाफ के कथित दुर्व्यवहार को लेकर आजाद समाज पार्टी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने भी टोल फ्री कराया था। इस दौरान टोल प्लाजा पर हुए विरोध की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। टोल मैनेजर ने तोड़फोड़ और जबरन टोल फ्री कराने का आरोप लगाकर कार्यकर्ताओं समेत 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
मगर इस बार जब विधायक और पूर्व मंत्री के नेतृत्व में टोल फ्री किया गया, तो पुलिस मौके पर मौजूद रही पर कोई कार्रवाई नहीं की। इंस्पेक्टर मीरापुर बबलू कुमार वर्मा ने नेताओं के सामने कहा कि “टोल आपका है, आप जैसा चाहें करें।” इससे पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब देखना है कि क्या इस बार भी पुलिस कार्रवाई करेगी, या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।