मुजफ्फरनगर: वीतराग शिक्षा ऋषि स्वामी कल्याण देव जी की 150वीं जयंती के अवसर पर गांधी पॉलिटेक्निक परिसर स्थित उनकी प्रतिमा पर यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए और माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात आयोजित संगोष्ठी में स्वामी जी के शिक्षा और समाज कल्याण के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर विचार व्यक्त किए गए।
आंदोलनकारी मास्टर विजय सिंह ने स्वामी कल्याण देव जी को एक महान कर्मयोगी संत बताते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में 300 से अधिक विद्यालयों की स्थापना की, जिनमें आज भी गरीब और अमीर सभी वर्गों के बच्चे समान रूप से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन विद्यालयों में फीस सरकारी मानकों के अनुरूप रखी गई है और शिक्षा को कभी व्यवसाय नहीं बनाया गया, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि समाज सदैव स्वामी जी का ऋणी रहेगा।
राजपूत महासभा के अध्यक्ष ठाकुर राजेंद्र सिंह पुंडीर ने कहा कि स्वामी कल्याण देव जी का मूल मंत्र “नर सेवा नारायण सेवा” था। वे जीवन भर समाज के उत्थान के लिए समर्पित रहे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्वामी जी के जीवन से प्रेरणा लें।
कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन ठाकुर अशोक सिंह ने कहा कि स्वामी कल्याण देव जी को ईश्वरीय अद्भुत शक्ति प्राप्त थी। वे जहां भी जाते, वहां शिक्षण संस्थाएं स्वतः ही विकसित होने लगती थीं, जो उनके तप और संकल्प की प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।
कार्यक्रम का संचालन मास्टर विजय सिंह, अध्यक्षता ठाकुर राजेंद्र सिंह पुंडीर ने की। इस अवसर पर जयदेव सिंह, ठाकुर अशोक सिंह, मनोज कुमार, राजेंद्र सिंह, राजवीर सिंह जादौन, ठाकुर दिनेश कुमार सिंह, बसंत गोयल, ताराचंद, भगत सिंह और राहुल सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।