अब किसान गोद ले सकेंगे चार गोवंश, हरित प्रदेश की ओर बढ़ता यूपी: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यदि एक पौधे को जीवन दिया जाए, तो वह भविष्य में वृक्ष बनकर हमें जीवन लौटाता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में वन और खनन माफियाओं का बोलबाला था, जिससे वन क्षेत्र में निरंतर गिरावट देखी गई। लेकिन बीते आठ वर्षों में सरकार द्वारा पारदर्शी और ईमानदार प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में हरित क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

रविवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों एवं विधान परिषद सदस्यों से संवाद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण-संरक्षण अभियान के साथ उत्तर प्रदेश भी पूरी ताकत से जुड़ चुका है। उन्होंने जानकारी दी कि आगामी 9 जुलाई को प्रदेश में 37 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा, जो देश में एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा।

मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय मार्गों, अमृत सरोवरों, नदियों के किनारों, धार्मिक स्थलों तथा उन्हें जोड़ने वाले रास्तों के किनारे पौधरोपण किया जाए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान का नेतृत्व करें। निजी संस्थानों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों, व्यापारिक इकाइयों, एनजीओ, एनएसएस, स्काउट-गाइड और एनसीसी कैडेट्स को भी इस मुहिम से जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की तैयारियों की जानकारी लेने हेतु अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम, गोरखपुर से रवि किशन, सादाबाद से विधायक गुड्डू चौधरी, प्रतापगढ़ से विधायक राजेंद्र मौर्य, मलिहाबाद से विधायक जयदेवी और आज़मगढ़ से विधान परिषद सदस्य विजय बहादुर पाठक से बातचीत की।

मुख्यमंत्री सहभागिता योजना: किसान गोद ले सकेंगे 4 तक गोवंश, बनेगा कैटल शेड

प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए ‘मुख्यमंत्री सहभागिता योजना’ की शुरुआत की है, जिसके तहत कोई भी किसान एक से चार गोवंश तक गोद ले सकेगा। उनके निवास स्थान पर ही मनरेगा के अंतर्गत व्यक्तिगत कैटल शेड निर्मित किए जाएंगे, जिससे पशुओं के लिए उचित देखभाल और स्वच्छता सुनिश्चित हो सके।

इस पहल से किसान अपने खेतों में छोटे बायोगैस संयंत्र भी स्थापित कर सकेंगे, जो न केवल उनके रसोई ईंधन की आवश्यकताओं को पूरा करेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगा। इस योजना की संपूर्ण रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जल्द ही महिला स्वयं सहायता समूहों और युवाओं को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त किया जा सके।

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