जालौन का रगौली बना यूपी का पहला गरीबी मुक्त गांव, आत्मनिर्भर भारत की झलक

जालौन जिले के डकोर ब्लॉक स्थित रगौली गांव ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह उत्तर प्रदेश का पहला गांव बन गया है जो पूरी तरह से गरीबी मुक्त हो चुका है। यहां की कई पीढ़ियों का गरीबी से मुक्ति का सपना अब हकीकत में बदल गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किए गए ‘जीरो पॉवर्टी मिशन’ के तहत रगौली को इस उपलब्धि के लिए चुना गया था।

गरीबी मुक्त बनने का सफर

मुख्यमंत्री योगी ने महात्मा गांधी जयंती पर ‘जीरो पॉवर्टी’ मिशन की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य 25 लाख गरीब परिवारों को गरीबी से बाहर निकालना है। जालौन जिले में इस योजना के तहत 12,000 से अधिक परिवारों का सर्वेक्षण हुआ, जिसमें रगौली के 705 परिवार भी शामिल थे। इनमें से 22 परिवार गरीबी रेखा से नीचे थे। जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय के निर्देशन में इन परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा गया और वित्तीय सहायता प्रदान की गई।

सरकारी सहायता और कौशल विकास

सभी 22 परिवारों के एक-एक सदस्य को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत ट्रेनिंग दी गई। कुछ सदस्यों को दूसरे राज्यों में रोजगार मिला, जिससे उनकी आय में सुधार हुआ। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत युवाओं को चार लाख रुपये तक का लोन दिलाया गया। इसी लोन से एक युवक ने टैंपो खरीदा और अब वह प्रतिदिन 800 रुपये कमा रहा है।

लाभार्थियों की कहानी

ऊषा देवी, जिनके पति का 2019 में निधन हो गया था, ने बताया कि पहले कच्चे घर और आर्थिक तंगी से जूझ रही थीं। अब प्रशासन की मदद से पक्का घर बन रहा है और उनके बेटे को ऑटो लोन मिल गया है।
रजनी, जिनके पास सिर्फ एक कच्चा कमरा है, ने बताया कि उनके पति मजदूरी करते थे। अब सरकारी सहायता से आवास और अन्य सुविधाएं मिल रही हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी आसानी से हो सकेगी।
पार्वती, जिनके पति मजदूर हैं और पांच बेटियां हैं, ने बताया कि अब उनके पास पक्का मकान और अन्य सुविधाएं भी हैं। राशन कार्ड और आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधाएं भी मिल चुकी हैं।

‘जीरो पॉवर्टी मिशन’ की रूपरेखा

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए इस मिशन का उद्देश्य गरीब परिवारों को भोजन, कपड़े, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आवास जैसी बुनियादी जरूरतें उपलब्ध कराना है। हर गांव में निर्धन परिवारों की पहचान कर उन्हें जनकल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाता है, ताकि उनकी वार्षिक आय कम से कम 1.25 लाख रुपये हो सके।

अन्य गांवों में भी प्रयास

रगौली के बाद प्रशासन ने जिले के 44 अन्य गांवों को भी गरीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि प्रथम चरण में 45 गांवों को चुना गया था, जिनमें रगौली ने सबसे पहले सफलता पाई। अब अन्य गांवों में भी सर्वे और योजनाओं का कार्य तेजी से चल रहा है।

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