रामनगरी अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को अत्याधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब सुरक्षा तंत्र को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से जोड़ा जाएगा। इस योजना के अंतर्गत शहर में विभिन्न स्थानों पर लगे करीब 10,000 सीसीटीवी कैमरों को एकीकृत सॉफ्टवेयर प्रणाली से जोड़ा जाएगा, जिससे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की पहचान और लोकेशन पलभर में ट्रेस की जा सकेगी।
अतीत में अयोध्या को संवेदनशील क्षेत्र माना जाता रहा है, विशेषकर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद से जुड़े विवादों के कारण। 5 जुलाई 2005 को हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लगातार मजबूत किया गया है। रामलला के दर्शन के लिए आने वाले वीआईपी आगंतुकों और श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अब सुरक्षा प्रणाली में अत्याधुनिक तकनीक को शामिल किया जा रहा है।
अपर पुलिस महानिदेशक (IG) प्रवीण कुमार ने बताया कि AI तकनीक से फेस रिकग्निशन की प्रक्रिया अत्यंत सरल और तेज हो जाएगी। किसी संदिग्ध व्यक्ति का स्केच सॉफ्टवेयर में अपलोड करते ही उसकी उपस्थिति वाले क्षेत्र की पहचान हो सकेगी। साथ ही, यदि किसी विशेष रंग के वस्त्र पहने व्यक्ति की तलाश है, तो वह भी संबंधित क्षेत्र में तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा।
जैसे ही किसी अपराधी का चेहरा कैमरे में दर्ज होता है, AI प्रणाली तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट कर देगी। IG प्रवीण कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि तकनीक के साथ-साथ मैन्युअल सूचना तंत्र की भूमिका भी बनी रहेगी। स्थानीय मुखबिर, नाविक, मल्लाह और गोताखोर जैसे लोग अब भी महत्वपूर्ण सूचना स्रोत बने रहेंगे।