लखीमपुर खीरी। निघासन क्षेत्र में शारदा नदी एक बार फिर तबाही लेकर आई है। गुरुवार को ग्राम पंचायत ग्रंट नंबर 12 के दस और मकान तेज धारा में समा गए। अब तक इस गांव के 90 से अधिक परिवार अपने घरों से बेघर हो चुके हैं।
पीड़ितों में प्रेमचंद, हरीराम, संजय कुमार, लीला देवी, गोल्डी देवी, काजल, कृपाराम, शैलेंद्र, रामलखन और पंचम के परिवार शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कटान की रफ्तार इतनी तेज है कि लोग अब सुरक्षित जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
प्रशासनिक मदद का इंतजार
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की ओर से बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद अब तक कोई ठोस राहत कार्य शुरू नहीं हुआ। उनका कहना है कि जलस्तर घटने के बाद भी बचाव कार्यों में देरी हो रही है। इस बीच, नदी लगातार पक्के गांव की जमीन और मकानों को निगल रही है।
खुले आसमान तले जीवन
गांव का बड़ा हिस्सा उजड़ चुका है और विस्थापित परिवार अब सड़क किनारे तिरपाल डालकर रह रहे हैं। बिजली व्यवस्था ठप होने से रातें अंधेरे में गुजर रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जंगली जानवरों के डर से रातभर नींद नहीं आती, जबकि बच्चे संक्रमणजनित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
मिटता जा रहा गांव
स्थानीय लोगों का कहना है कि शारदा नदी अब तक तीन इंटरलॉक सड़कें और दो प्राचीन मंदिर भी बहा चुकी है। गांव के लोग आशंका जता रहे हैं कि अगर कटान पर रोक नहीं लगी, तो आने वाले दिनों में पूरा गांव नक्शे से मिट सकता है।