केंद्रीय कृषि मंत्री एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि भारतीय संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘समाजवाद’ जैसे शब्दों की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ये दोनों शब्द भारत की सांस्कृतिक विरासत से मेल नहीं खाते और इन्हें आपातकाल के दौरान राजनीतिक हितों के चलते जोड़ा गया था।
आपातकाल की वर्षगांठ पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन शब्दों को संविधान में बाद में जोड़ा गया था, जो कि देश की मूल भावना के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान मूल रूप से सभी को समान अधिकार देने की बात करता है, जिसमें किसी विशेष शब्द की आवश्यकता नहीं थी।
शिवराज सिंह चौहान संगठन द्वारा तय आपातकाल स्मृति कार्यक्रम के तहत काशी पहुंचे। लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर काशी क्षेत्र भाजपा अध्यक्ष दिलीप पटेल के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। पारंपरिक तरीके से माल्यार्पण कर उनका अभिनंदन किया गया।