संभल। संभल के सपा विधायक इकबाल महमूद ने मियां सराय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि लोकसभा या विधानसभा सत्र के दौरान वंदे मातरम गीत गाने की प्रथा रही है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा, "हमें राष्ट्रगान तो दिल से गाना चाहिए, लेकिन वंदे मातरम के लिए कोई बाध्यता नहीं है। जो गाना चाहते हैं, गाएं, जो नहीं चाहते, उन्हें मजबूरी नहीं है।"

विधायक ने यह भी कहा कि प्रदेश में योगी सरकार है और अगर सरकार सभी शैक्षणिक संस्थानों में वंदे मातरम गाने का आदेश देगी तो शिक्षकों को उसका पालन करना होगा। "सरकार जो भी आदेश देती है, उसका पालन करना आवश्यक है," उन्होंने स्पष्ट किया।

इसी दौरान सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने महिला सभा की पूर्व जिलाध्यक्ष संगीता यादव के आवास पर कहा कि देश को विकास और भाईचारे की राह पर चलना चाहिए, न कि नफरत की राजनीति पर। उन्होंने दिल्ली आतंकी हमले जैसे घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों को उच्च स्तरीय जांच के बाद कड़ी सजा दी जानी चाहिए।

सांसद ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी हमेशा शांति, समानता और संविधान के सम्मान की पक्षधर रही है। "हम राष्ट्रगान और वंदे मातरम दोनों का आदर करते हैं, लेकिन किसी को इन्हें गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। संविधान हर नागरिक को यह स्वतंत्रता देता है।" बर्क ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी विश्वास जताया और कहा कि सपा पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनेंगे।