मुरादाबाद से गिरफ्तार हुए आईएसआई के जासूस शहजाद पर एक बड़े आतंकी हमले की योजना बनाने का आरोप है। खुफिया एजेंसियों को इसकी गतिविधियों का पता चलते ही उसकी निगरानी शुरू कर दी थी, और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। शहजाद ने रामपुर के कुछ युवकों को पाकिस्तान भेजने का काम किया था और उनके लिए वीजा का इंतजाम भी किया था। अब एटीएस उन युवकों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
सूत्रों के अनुसार, जांच में पता चला है कि दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात दानिश आईएसआई के एजेंट्स के निर्देश पर शहजाद और उसके साथियों को वीजा दिलाने में मदद कर रहा था। यह वही दानिश है जिसने हरियाणा की ज्योति मेहरोत्रा को पाकिस्तान भेजने का इंतजाम किया था, जिसे पहले ही जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। दरअसल, तस्करी के दौरान शहजाद का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट्स से संपर्क हुआ था, जिसके बाद व्हाट्सएप पर उनकी बातचीत शुरू हुई थी।
इन एजेंट्स ने शहजाद से कई संवेदनशील जानकारियां जुटाने का आदेश दिया था, जिनका उपयोग आतंकी गतिविधियों के लिए किया जाना था। धीरे-धीरे शहजाद ने रामपुर के कुछ युवकों को तस्करी के कारोबार में शामिल किया, जिसमें कॉस्मेटिक, आर्टिफिशियल ज्वेलरी और महिलाओं के कपड़े शामिल थे, और उनके लिए वीजा भी आईएसआई एजेंट्स की मदद से प्राप्त किया।
एटीएस को संदेह है कि शहजाद पाकिस्तान से मिलने वाली रकम का उपयोग भारत में जासूसी करने वालों को वित्तीय मदद देने के अलावा अलगाववादी और विनाशकारी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कर रहा था। अब उसकी मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच की जा रही है, ताकि आईएसआई से मिलने वाली रकम का पूरा विवरण सामने लाया जा सके। उसे रिमांड पर लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले अन्य एजेंट्स से पूछताछ की योजना बनाई जा रही है।