अपनी जनता पार्टी के अध्यक्ष और लोक मोर्चा के संयोजक स्वामी प्रसाद मौर्य ने बहुजन समाज पार्टी के मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद को राजनीति का एक नया और संभावनाशील चेहरा करार दिया है। मौर्य ने कहा कि आकाश अभी राजनीतिक दुनिया में शुरुआती दौर में हैं और उन्हें शुभकामनाएं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मायावती द्वारा बार-बार उन्हें पार्टी से बाहर किया जाना उनकी राजनीतिक क्षमता को दबा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य का मानना है कि आकाश को उचित महत्व मिलना चाहिए, न कि उनके योगदान को सीमित कर दिया जाए।
गठबंधन के संकेत, भाजपा पर हमला
लखीमपुर के कृष्णा मैरिज हॉल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने संविधान सम्मान और जनहित हुंकार यात्रा के तहत अपनी बात रखी। इस मौके पर उन्होंने केंद्र और राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकारों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन से परहेज नहीं किया जाएगा। उनके अनुसार, लोक मोर्चा को अब तक नौ क्षेत्रीय दलों का समर्थन मिल चुका है।
“नौकरियों की कमी और शिक्षा व्यवस्था चौपट”
पूर्व कैबिनेट मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकारें देश की संपत्तियों का निजीकरण कर रही हैं और सरकारी नौकरी के अवसर लगभग खत्म हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश गंभीर आर्थिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है, महंगाई चरम पर है, और 140 करोड़ की आबादी में से 80 करोड़ लोग राशन पर निर्भर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के 27,000 से अधिक प्राथमिक स्कूल बंद हो गए हैं, जो ग्रामीण शिक्षा की बदहाल स्थिति और सरकार की विफलता का प्रमाण है।
“देश को बेरोजगारी का गढ़ बनाया जा रहा”
स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे देश को विश्वगुरु बनाने की बात करते हैं, जबकि वास्तव में देश को बेरोजगारी का अड्डा बनाया जा रहा है। किसानों की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि एक ओर उन्हें अन्नदाता कहा जाता है, दूसरी ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य तक सुनिश्चित नहीं किया जाता, जिससे किसान हताश हैं।
“उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल”
राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने योगी सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज जैसी स्थिति बन गई है, और राज्य सरकार जनता की बुनियादी समस्याओं से कट चुकी है।