उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की डिजिटल उपस्थिति दर्ज करने को लेकर जारी सख्ती अब विवाद का कारण बन गई है। एक ओर बेसिक शिक्षा विभाग रोजाना उपस्थिति का डेटा जारी कर प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दे रहा है, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों ने इस व्यवस्था के विरोध में राज्यव्यापी प्रदर्शन किया।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन के दौरान शिक्षकों ने कहा कि कई जिलों में डिजिटल अटेंडेंस न अपलोड करने पर बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा वेतन रोकने और कार्यवाही के आदेश जारी किए जा रहे हैं। इससे शिक्षक वर्ग में असंतोष फैल गया है।

शिक्षकों ने मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री को संबोधित ज्ञापन में कहा कि डिजिटल हाजिरी व्यवस्था में अनेक व्यवहारिक कठिनाइयाँ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी, ऐप के एकसाथ चलने में तकनीकी दिक्कतें और जूनियर हाई स्कूल की छात्राओं की फोटो अपलोड करने जैसी संवेदनशील स्थितियाँ इस व्यवस्था को अव्यवहारिक बनाती हैं। साथ ही मौसम खराब होने पर बच्चों की उपस्थिति घटने से भी वास्तविक आंकड़े प्रभावित होते हैं।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने बताया कि पिछले वर्ष शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी को लेकर पहले भी विरोध दर्ज किया गया था। उस समय तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ था कि समिति की रिपोर्ट आने तक इस व्यवस्था को स्थगित रखा जाएगा। लेकिन अब बिना किसी रिपोर्ट जारी किए दोबारा डिजिटल अटेंडेंस को लागू करने का दबाव डाला जा रहा है, जिससे शिक्षकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।