उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 में अभ्यर्थियों के मेडिकल परीक्षण के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। जांच में यह सामने आया कि मेडिकल परीक्षण के नाम पर करोड़ों रुपये की वसूली की गई थी। सीसीटीवी फुटेज में इस भ्रष्टाचार के सबूत मिले हैं, जिनमें अभ्यर्थियों से पूछताछ की जाएगी।
पुलिस भर्ती के अंतिम चरण में अभ्यर्थियों का मेडिकल परीक्षण किया गया था। इस दौरान, एटा में 755 अभ्यर्थियों का परीक्षण आयोजित किया गया था। जांच में यह पाया गया कि कुछ चिकित्सक, अभ्यर्थियों को फेल होने का डर दिखाकर उनसे एक लाख रुपये तक की मांग करते थे। इस प्रक्रिया में सैकड़ों अभ्यर्थियों से पैसे वसूले गए।
इस वसूली का मुख्य केंद्र सुमित्रा डायग्नोस्टिक सेंटर था, जहां अभ्यर्थियों को बुलाकर शारीरिक परीक्षण के दौरान उनकी कमियों को दिखाया जाता और फिर पैसों की लेन-देन होती थी। एसएसपी श्याम नारायण सिंह ने बताया कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में आरोपी चिकित्सकों को वीडियो में पैसे का लेन-देन करते हुए देखा गया है। 3 मई को एक वीडियो में डॉ. अनुभव अग्रवाल और उनके सहयोगी पैसे का लेन-देन करते हुए दिखाई दिए। इसमें मेडिकल कॉलेज के डॉ. राहुल वार्ष्णेय की भी भूमिका सामने आई। शुक्रवार को कोतवाली नगर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
जेल भेजने से पहले आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कोतवाली में ही किया गया, जबकि सामान्य प्रक्रिया के तहत इसे मेडिकल कॉलेज या सरकारी अस्पताल में होना चाहिए था।