लखनऊ: छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति वितरण में अब सिर्फ पिता या अभिभावक के आय प्रमाण पत्र को मान्यता दी जाएगी। इससे पहले कई छात्र अपने स्वयं के आय प्रमाण पत्र लगाकर आवेदन कर चुके थे, जिनके आवेदन निरस्त होने की आशंका जताई जा रही है।
समाज कल्याण विभाग ने इस बार वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के तहत यह नया नियम लागू किया है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पुराने प्रमाण पत्रों को एडिट करने का विकल्प प्रदान करें ताकि छात्र नए नियम के अनुसार आवेदन कर सकें।
विद्यार्थियों के लिए पात्रता शर्तें भी स्पष्ट हैं। पूर्वदशम छात्रवृत्ति के लिए परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। दशमोत्तर छात्रवृत्ति में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए अधिकतम पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये और अन्य वर्ग के लिए भी 2.5 लाख रुपये तय की गई है।
वाराणसी, मथुरा सहित कई जिलों में पहले छात्र अपने नाम से बने आय प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर रहे थे। अब इस व्यवस्था में बदलाव के कारण कई विद्यार्थियों को अपने आवेदन में संशोधन की आवश्यकता पड़ रही है।
मथुरा में समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि छात्रों को अपने पुराने प्रमाण पत्र बदलने का विकल्प दिया जाएगा। निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रशांत ने कहा कि छात्रों को उनके आय प्रमाण पत्र के आधार पर छात्रवृत्ति वितरण से संबंधित जानकारी दी जाएगी।
छात्रवृत्ति वितरण में पहले किस आधार पर प्रमाण पत्र स्वीकार किए जा रहे थे और उसमें गड़बड़ी हुई या नहीं, इसकी फिलहाल कोई आधिकारिक जांच नहीं हुई है।