पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोक कलाकारों के लिए ‘कलाकार कल्याण बीमा योजना’ शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि कलाकारों के पंजीकरण से लेकर कार्यक्रम आवंटन और भुगतान तक की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। किसी भी कलाकार को कार्यक्रम आवंटित करते समय शासनादेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाए। भेदभाव की स्थिति में संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वृद्ध कलाकारों की पेंशन बढ़ी
मंत्री ने वृद्ध कलाकारों की मासिक पेंशन 2000 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये करने के निर्देश दिए। साथ ही योग्य कलाकारों की पहचान के लिए विज्ञापन जारी करने और पेंशन सुविधा सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया। प्रदेश के लोक कलाकारों का व्हाट्सअप ग्रुप बनाने का सुझाव भी दिया गया, ताकि उनसे जुड़ी जानकारी समय पर मिल सके।
पारदर्शिता और स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता
जयवीर सिंह ने कहा कि कार्यक्रम आवंटन में शत-प्रतिशत शासनादेश का अनुपालन किया जाए। स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता देते हुए बड़े और महंगे कलाकारों की जगह दी जाए। कार्यक्रम आवंटन और भुगतान की निगरानी के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की जाएगी।
वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
मंत्री ने वाद्य यंत्रों की खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। पिछले वित्तीय वर्ष में खरीदे गए वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता जांचने और बिना वितरित वाद्य यंत्रों की गिनती करने का आदेश दिया गया। विलुप्त वाद्य यंत्रों के संरक्षण के लिए कार्यशाला आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया।
मूर्तियों और सांस्कृतिक केंद्रों पर फोकस
जयवीर सिंह ने मूर्तियों का निर्माण तीन माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। साथ ही वृंदावन शोध संस्थान के कर्मचारियों की ऑडिट और सांस्कृतिक केंद्रों में शैक्षिक भ्रमण के आयोजन पर भी जोर दिया। आगरा में अटल बिहारी वाजपेयी स्मारक का प्रबंधन जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से किए जाने का आदेश दिया गया।