ईरान में बने युद्ध जैसे हालात को लेकर मुरादाबाद की एक ईरानी मूल की महिला बेहद परेशान हैं। परिजनों की सलामती की चिंता में फायजा की रातों की नींद और दिन का सुकून छिन गया है। हर पल वह अपने वतन के हालात की जानकारी लेती रहती हैं और ईश्वर से एक ही प्रार्थना कर रही हैं—कि वहां जल्द अमन लौटे।
फायजा हमदान शहर की रहने वाली हैं और मुरादाबाद के प्रकाशनगर में अपने भारतीय पति दिवाकर के साथ रहती हैं। दोनों स्थानीय स्तर पर एक कैफे संचालित कर रहे हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों से उनका मन अपने कारोबार में नहीं, बल्कि अपने देश की हालत और वहां रह रहे परिजनों की सुरक्षा में अटका है।
ईरान से संपर्क बेहद मुश्किल
भावुक होते हुए फायजा ने बताया कि ईरान में व्हाट्सएप जैसी सेवाएं ठप हैं और अन्य माध्यमों से भी संवाद बहुत कठिन हो गया है। एक-एक संदेश भेजने के बाद घंटों इंतज़ार करना पड़ता है, तब कहीं जाकर जवाब मिलता है। जैसे ही कोई बड़ी खबर आती है, दिल दहल जाता है।
हमदान शहर में फिलहाल शांति, लेकिन माहौल तनावपूर्ण
फायजा ने बताया कि उनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य हमदान में सुरक्षित हैं। हालांकि वहां अब तक किसी हमले की खबर नहीं है, लेकिन शहर में सन्नाटा और डर का माहौल साफ महसूस होता है। वह कहती हैं, “चिंता हर वक्त बनी रहती है, दिन-रात बस यही दुआ है कि मेरे अपनों को कुछ न हो।”
प्रधानमंत्री मोदी से की शांति की अपील
फायजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईरान-इजराइल के बीच मध्यस्थता कर शांति स्थापित कराने की अपील की है। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक पहचान और कूटनीतिक क्षमता इस संकट की घड़ी में सकारात्मक भूमिका निभा सकती है।