स्कूलों में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ेंगे बच्चे, सीएम धामी ने दिए निर्देश

प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में अब विद्यार्थियों को श्रीमद्भगवद्गीता पढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस धार्मिक ग्रंथ को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए आगामी दस वर्षों की कार्ययोजना तैयार करने पर ज़ोर दिया।

शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में दिए महत्वपूर्ण निर्देश

मंगलवार को अपने कैंप कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग दिसंबर 2026 तक की योजनाओं को रजत जयंती वर्ष के तहत क्रियान्वित करे। साथ ही बारिश से पहले सभी स्कूलों का निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि भवन, पुल और रास्तों की स्थिति की जांच हो सके।

आवासीय सुविधा और परिवहन व्यवस्था पर विशेष ध्यान

मुख्यमंत्री ने कलस्टर विद्यालयों में आवासीय हॉस्टल विकसित करने को लेकर अन्य राज्यों के सफल उदाहरणों के आधार पर प्रस्ताव तैयार करने को कहा। पहले चरण में प्रत्येक ज़िले में एक-एक हॉस्टल बनाने की योजना बनाई जाएगी। साथ ही, 559 क्लस्टर विद्यालयों के 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले छात्रों के लिए परिवहन व्यवस्था को लेकर भी शीघ्र योजना तैयार की जाएगी।

पाठ्यपुस्तकों की समय पर आपूर्ति और पारदर्शी तबादला प्रक्रिया पर ज़ोर

मुख्यमंत्री धामी ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि छात्रों को पाठ्यपुस्तकें हर वर्ष समय से प्राप्त हों। साथ ही शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए सभी पहलुओं का विस्तार से अध्ययन कर ठोस व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए।

एनसीसी, एनएसएस और सीएसआर फंड का अधिकतम उपयोग

उन्होंने स्कूलों में एनसीसी और एनएसएस को बढ़ावा देने, तथा जहां यह सुविधाएं नहीं हैं, वहां स्कूलों का चयन करने को कहा। राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए औद्योगिक इकाइयों से सीएसआर फंड के तहत सहयोग लेने की अपील भी की गई।

बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि

मुख्यमंत्री ने स्कूलों में छात्र सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने को कहा। यदि सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही पाई गई, तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में क्षमता अनुसार छात्रों के दाखिले सुनिश्चित करने के लिए प्रतीक्षा सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए गए।

पाठ्यक्रम में नैतिकता और संस्कृति का समावेश

मुख्यमंत्री ने बच्चों को नैतिक शिक्षा, पर्यावरण, राज्य की सांस्कृतिक धरोहर, प्रमुख हस्तियों का जीवन, कौशल विकास, स्वास्थ्य, लोककथाएं, संगीत और कला से जोड़ने वाले विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही।

बैठक में उपस्थित अधिकारी

इस बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना, महानिदेशक झरना कमठान, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, बेसिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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