यमुनोत्री मार्ग पर भूस्खलन से दो की मौत, रेस्क्यू जारी; कई लापता

उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर सोमवार को हुए भूस्खलन के बाद मंगलवार सुबह फिर से राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। धारकोट क्षेत्र के नौंकैंची के पास अचानक मलबा और बड़े बोल्डर गिरने से कई श्रद्धालु इसकी चपेट में आ गए थे। सोमवार देर शाम तक मलबे से दो शव निकाले जा चुके थे, जबकि एक घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए भेजा गया। अभी भी दो लोगों के दबे होने की आशंका बनी हुई है। देर रात तेज बारिश के चलते रेस्क्यू कार्य रोकना पड़ा था।

क्या हुआ था?

जानकारी के अनुसार, जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौंकैंची के पास अचानक चट्टान से मलबा और पत्थर गिर पड़े। घटना के समय वहां मौजूद 4–5 लोग मलबे के साथ नीचे खाई में जा गिरे। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस मौके पर पहुंची और राहत कार्य शुरू किया गया। घायल मुंबई निवासी रसिक को बचाकर जानकीचट्टी स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।

मृतकों और लापता लोगों की पहचान

  • मृतक:
    • हरिशंकर पुत्र ओमप्रकाश (47 वर्ष), उत्तर प्रदेश
    • ख्याति पुत्री हरिशंकर (9 वर्ष), उत्तर प्रदेश
  • घायल:
    • रसिकभाई पुत्र वसरामभाई, प्रतापनगर वेस्ट, मुंबई
  • लापता:
    • भाविका शर्मा पुत्री जॉय शर्मा (11 वर्ष), दिल्ली
    • कमलेश जेठवा पुत्र कांतिबाई (35 वर्ष), महाराष्ट्र

पैदल यात्रा पर अस्थाई रोक

राहत कार्य में बाधा न आए, इसके लिए यमुनोत्री धाम की पैदल यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है। जानकीचट्टी चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर ने बताया कि वैकल्पिक मार्ग भंडेली गाड़ पर आवागमन शुरू करने को लेकर जिलाधिकारी के निर्णय का इंतजार है। हालाँकि यह मार्ग भी जोखिम भरा माना जा रहा है।

विधायक पहुंचे मौके पर

यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल घटनास्थल के लिए रवाना हो चुके हैं। वह राहत कार्यों का जायजा लेंगे और स्थानीय प्रशासन से समन्वय कर आवश्यक निर्देश देंगे।

राज्य में भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने 22 से 26 जून तक देहरादून, नैनीताल, टिहरी और चंपावत जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है। इसको देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (यूएसडीएमए) ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आपातकालीन संचालन केंद्र को भी अलर्ट पर रखा गया है।

गंगोत्री हाईवे पर फिर मुसीबत बनेंगे सुक्की के सात नाले

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुक्की क्षेत्र के सात नालों में बरसात के दौरान जलस्तर बढ़ने से हर साल आवागमन में बाधा उत्पन्न होती है। स्थानीय निवासी संजय राणा, मनोज नेगी, दीपक राणा आदि का कहना है कि ये नाले वर्षों से खतरनाक बने हुए हैं और बीआरओ की ओर से अभी तक कोई सुरक्षात्मक कार्य नहीं किया गया है। यह मार्ग सेना, आईटीबीपी और चारधाम यात्रियों के लिए एकमात्र संपर्क मार्ग है।

स्थानीय प्रशासन से की गई मांग

ग्रामीणों ने मांग की है कि इन सभी सात नालों में सुरक्षात्मक इंतज़ाम किए जाएं ताकि बरसात के दौरान सड़कें बंद न हों और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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