तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में पिछले चार दिनों से छात्र-छात्राएं अनशन पर बैठे हुए हैं. उनकी मांग है कि उनके शिक्षक दिव्यानंद का ट्रांसफर रद्द किया जाए. हालांकि, छात्र-छात्राओं की मांगों पर विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और कुलपति ने साफ तौर पर कह दिया है कि उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी.
यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदी विभाग के शिक्षक दिव्यानंद का जन्मदिन मनाने के लिए छात्रों ने तलवार से केक काटा था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसे देखकर कुलपति ने मामले की जांच कराई. जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दिव्यानंद का ट्रांसफर नारायणपुर कॉलेज में कर दिया गया. इस फैसले के खिलाफ छात्रों ने विरोध शुरू किया और अनशन पर बैठ गए.
छात्रों का स्वास्थ्य बिगड़ा
इस अनशन में 25 छात्राएं और 22 छात्र शामिल हैं, जिनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है. कई छात्राएं तो बीमार हो गईं हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, लेकिन इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रबंधन उनकी मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनके शिक्षक दिव्यानंद एक सरल और अच्छे व्यक्ति हैं और यह सब बच्चों की गलती थी.z
टीचर दिव्यानंद का ट्रांसफर
छात्रों का कहना है कि उन्होंने ही शिक्षक दिव्यानंद से कहकर तलवार से केक काटने का फैसला लिया था. वहीं, कुलपति प्रोफेसर जवाहरलाल ने कहा कि अनशन पर बैठे छात्र-छात्राएं बीमार हो रहे हैं, लेकिन यह उनकी अपनी गलती है. उन्होंने कहा, “हमने विश्वविद्यालय की नियमावली के तहत ही दिव्यानंद का ट्रांसफर किया था और हम अपना आदेश वापस नहीं ले सकते.”
छात्रों को समझाने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन के लोग लगातार उनसे मिल रहे हैं, लेकिन छात्र-छात्राएं अपनी मांगों पर अड़े हैं. इस मामले में विश्वविद्यालय का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. छात्र-छात्राओं के प्रदर्शन को देखते हुए यह सवाल उठ रहा है कि क्या विश्वविद्यालय प्रबंधन को छात्रों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, ताकि शिक्षा का माहौल सुधर सके.