जम्मू विश्वविद्यालय के शोधार्थियों का प्रदर्शन, सड़क की जाम

जम्मू विश्वविद्यालय में गुरुवार को शोधार्थियों ने मार्च करते हुए प्रदर्शन किया उन्होंने विश्वविद्यालय सड़क जाम कर नारेबाजी करते हुए रोष जताया। मामला असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा है। इसमें किए गए बदलाव को लेकर प्रदर्शनकारियों में रोष है और उन्होंने इसका विरोध जताया है।

दरअसल, बीते साल जेकेपीएसई ने असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसमें बताया गया था कि असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन इंटरव्यू के आधार पर होगा। इसमें यूजी, पीजी, एमफिल, पीएचडी और नेट-जेआरएफ सहित शोधपत्र प्रकाशन के अंक भी जोड़ें जाएंगे। लेकिन, बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग के सचिव रवि हंस की ओर एक अन्य अधिसूचना जारी की गई।  हाल में जारी अधिसूचना में बताया गया है कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए लिखित परीक्षा ली जाएगी।

इसी बदलाव के विरोध में जम्मू विश्वविद्यालय के शोधकर्ता आज सड़क पर उतरे। मौके पर मौजूद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया और उन्हें सड़क से हटने का आग्रह किया। करीब एक घंटे तक सड़क जाम रही। इससे सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए प्रवधान नेशनल एलजिबिलटी टेस्ट (नेट) है। नेट का संचानल एनटीए यूजीसी द्वारा लिया जाता है, लेकिन अब इसमें बदलाव कर लिखित परीक्षा का प्रावधान कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें झोल है। पहले ही एसआई व अन्य कई भर्तियां स्कैम के चलते रद्द हो गई हैं। ऐसे में इस लिखित परीक्षा से इसमें गड़बड़ी की जा सकती है। प्रदर्शनकारियों का कहना है विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की समिति गठित की जानी चाहिए, जिसमें समान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों को भी शामिल किया जाए, ताकि गहन चर्चा के बाद इस पर उचित फैसला लिया जाना चाहिए।

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