छत्तीसगढ़ की राजधानी में साध्वी शुभंकरा का रोजाना संदेश जारी है। वर्तमान दौर में मानव ने स्वयं ही अपनी दिनचर्या और जीवन शैली को अनियमित कर रखा है। यदि समय पर शयन नहीं करोगे तो समय पर कैसे उठ पाओगे। सूर्योदय से 96 मिनट पहले किसी भी हाल ही में नींद से जाग ही जाना चाहिए। वास्तव में हर दिन का सूर्योदय हमारे भाग्य पर दस्तक देने आता है। जो सुबह समय पर जागता है, उसे प्रायः किसी प्रकार का तनाव नहीं होता। पांचों इंद्रियों को काबू में रखने वाला अर्थात् अनुशासन में रहने वाला ही राजा होता है। यह संदेश ऋषभदेव जैन श्वेतांबर मंदिर सदरबाजार में साध्वी शुभंकरा ने दिया।
साध्वी ने कहा कि हम स्वयं का आंकलन करें कि मेरी पांच इंद्रियां और छठा मेरा मन, क्या मेरे वश में है। यदि इंद्रियां और मन तुम्हारे वश में हैं तो तुम राजा हो। अन्यथा जैसी इंद्रियां कह रही हैं, जैसी उनकी मांग है, तुम वैसा ही कर रहे हो तो समझ लेना कि तुम राजा नहीं चोर हो। जिसका अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण होगा, उसका जीवन ही उत्तम-सर्वोत्तम बन पाएगा।
गुणीजनों की बातों को जीवन में उतारें : संत हेमंत मुनि
अनादि काल से संसार में पुण्य और पाप का ही खेल चल रहा है। जो व्यक्ति गुणीजनों की बातों को जीवन में उतारकर कार्य करता है, वह सर्वश्रेष्ठ है। पाप करने वालों को याद नहीं किया जाता। जो मृत्यु के क्षणों में भी जिनवाणी के उपदेश और मार्ग को अपना लेते हैं, वह मोक्ष मार्ग को प्राप्त कर लेते हैं। यह संदेश नानेश स्मृति समता मुकीम भवन शैलेन्द्र नगर में संत हेमंत मुनि ने दिया। मुनि ने कहा कि तीन बातों काे सदा ध्यान रखें, माता-पिता, गुरु का सदा सम्मान करें। घर का खान-पान शुद्ध रखें। घर में कभी भी क्लेश न हो, जितने नम्र बनोगे उतका ही जीवन सुधरेगा और सुखी रहेगा।