सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य पर फिर लगाया प्रतिबंध

उच्चतम न्यायालय ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि इस अवधि में प्रभावित श्रमिकों को भुगतान करें जिससे उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली एक विशेष पीठ ने बुधवार रात अपलोड किए गए एक अंतरिम आदेश में कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में पिछले वर्षों के उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर वायु प्रदूषण को लेकर वैज्ञानिक अध्ययन करने का निर्देश दिया गया है। पीठ में शामिल न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और सूर्य कांत ने सरकार से कहा हवा की गुणवत्ता खराब होने का इंतजार करने के बजाय, निकट भविष्य में वायु प्रदूषण के प्रत्याशित स्तरों के आधार पर अग्रिम योजना बनाई जानी चाहिए।

न्यायाधीश ने कहा कि इस बीच एक अंतरिम उपाय के रूप में और अगले आदेश तक के लिए हम एनसीआर में निर्माण गतिविधियों पर फिर से प्रतिबंध लगाते हैं। मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि निर्माण से संबंधित गैर-प्रदूषणकारी गतिविधियों जैसे कि प्लंबिंग कार्य, आंतरिक सजावट, विद्युत कार्य और बढ़ईगीरी को जारी रखने की अनुमति दी है। गौरतलब है कि पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की जमीनी स्थिति को ध्यान में रखते हुए 22 नवंबर से निर्माण गतिविधियों की अनुमति देने के अपने निर्णय को उलट दिया है। 

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