मुकेश अंबानी के घर के निकट मिली संदिग्ध कार के मालिक की हुई पहचान

रिलायंस उद्योग समूह के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के निकट मिली संदिग्ध कार के असली मालिक की पहचान हो गई है। यह कार कुछ दिन पहले ही उसके पास से चोरी हो गई थी। लेकिन इस कार को अंबानी के घर के निकट खड़ी करने वाले की पहचान अभी नहीं हो सकी है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी है। मुकेश अंबानी के पैडर रोड स्थित घर अंटीलिया के निकट गुरुवार दोपहर बाद एक संदिग्ध कार मिली थी। इस कार में विस्फोटक जिलेटिन की 20 छड़ें पाई गई थीं। इस कार की नंबर प्लेट मुकेश अंबानी के परिवार के सुरक्षा काफिले में चलने वाली कारों से मिलती-जुलती थी। कार में जिलेटिन छड़ों के अलावा रोमन में लिखा एक पत्र भी मिला है। पता चला है कि इस पत्र में मुकेश अंबानी व नीता अंबानी के नाम का भी जिक्र है। इससे पुलिस अंबानी की सुरक्षा को लेकर और चौकस हो गई है। इस मामले को लेकर गांवदेवी पुलिस थाने में आईपीसी की धाराओं 286, 465, 473, 120 (बी), 506(2) व विस्फोटक तत्व अधिनियम की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। इस मामले की जांच के लिए पुलिस की 10 टीमें बनाई गई हैं।

संदिग्ध कार पर गलत नंबर प्लेट लगाई गई थी और उसकी चेसिस प्लेट भी बिगाड़ने की कोशिश हुई थी। इसके बावजूद पुलिस ने कार के असली मालिक का पता लगा लिया है। यह कार मुंबई के विक्रोली इलाके से कुछ दिन पहले चुराई गई थी। पुलिस ने अंटीलिया इमारत के निकट इस कार को लाने वाले व्यक्ति को भी सीसीटीवी में देखा है। लेकिन उसने चेहरे पर मास्क एवं सिर पर टोपी लगा रखी थी। इसलिए उसकी पहचान नहीं हो सकी है। वह कुछ देर कार में बैठे रहने के बाद पिछले दरवाजे से उतरता दिखाई दिया है। पुलिस उसकी तलाश के लिए विक्रोली से पैडर रोड तक जगह-जगह के सीसीटीवी फुटेज देख रही है। हालांकि पुलिस के अनुसार कार में पाई गई जिलेटिन की छड़ें सैन्य उपयोग वाली नहीं, बल्कि सड़क निर्माण के समय पत्थर इत्यादि तोड़ने के उपयोग में आनेवाली थीं। लेकिन पुलिस इस मामले में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती।

गौरतलब है कि अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा है कि जिस प्रकार यह संदिग्ध कार पाई गई है, उससे मुंबई पुलिस की नाकामी दर्शाता है। बता दें कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान कांग्रेस सहित कुछ अन्य दलों के नेता लगातार अंबानी-अदाणी को निशाने पर लेते रहे हैं। किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में रिलायंस के मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने का मामला भी सामने आ चुका है।

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