टी20 वर्ल्डकप: पाकिस्तान की ब्लाइंड क्रिकेट टीम को भारत आने के लिए मिला वीज़ा

पाकिस्तान के 34 खिलाड़ियों और अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय से वीजा मंजूरी मिलने के बाद भारत में चल रहे दृष्टिबाधित क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान की दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम के भाग लेने का रास्ता साफ हो गया है। इसकी मंजूरी के बाद विदेश मंत्रालय पाकिस्तानी खिलाड़ियों और अधिकारियों को वीजा जारी करेगा ताकि वे 5 से 17 दिसंबर तक होने वाले टूर्नामेंट के लिए भारत की यात्रा कर सकें। 

मंत्रालय के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि गृह मंत्रालय ने दृष्टिबाधित क्रिकेट विश्व कप में भाग लेने के लिए 34 पाकिस्तानी खिलाड़ियों और अधिकारियों को वीजा जारी करने की मंजूरी दे दी है। बारह दिन चलने वाले टूर्नामेंट में अब भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, नेपाल और दक्षिण अफ्रीका की टीमें हिस्सा लेंगी। इस टूर्नामेंट के मुकाबले फरीदाबाद, दिल्ली, मुंबई, इंदौर और बेंगलुरु में खेले जाएंगे। भारत अपनी मेजबानी में खिताब का दावेदार है। माना जा रहा है कि फाइनल में उसकी टक्कर पाकिस्तान के साथ हो सकती है।

पाकिस्तान ने दी थी वीजा नहीं मिलने की जानकारी
इससे पहले यह बताया गया था कि पाकिस्तानी टीम को वीजा नहीं मिला है। इसकी पुष्टि भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (सीएबीआई) ने भी की थी। वीजा नहीं मिलने पर पाकिस्तान दृष्टिबाधित क्रिकेट परिषद (पीबीसीसी) ने मंगलवार को बयान जारी करके कहा कि उनकी टीम को भारतीय विदेश मंत्रालय से अनुमति नहीं मिली।

पीबीसीसी ने कहा था, ‘‘इस घटना से पाकिस्तान की दृष्टिबाधित क्रिकेट टीम अधर में लटक गई। इस बात की संभावना थी कि फाइनल में भारत का मुकाबला हमारी टीम से होता। मौजूदा फॉर्म को देखते हुए पाकिस्तान के चैंपियन बनने की दावेदार थी।’’ इस प्रतियोगिता का उद्घाटन भारत के पूर्व क्रिकेट युवराज सिंह ने गुरुग्राम में एक कार्यक्रम के दौरान सोमवार को किया था। मंगलवार को मुकाबलों की शुरुआती हुई और फाइनल मैच में 17 दिसंबर को खेला जाएगा।

पीबीसीसी ने कहा था, ”भारतीय दृष्टिबाधित क्रिकेट संघ ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देने के लिए अपनी सरकार से गुहार लगाई थी, लेकिन किसी की नहीं सुनी गई। इस भेदभावपूर्ण कार्रवाई के विश्व दृष्टिबाधित क्रिकेट को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे क्योंकि हम विश्व दृष्टिबाधित क्रिकेट से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करेंगे ताकि भारत को भविष्य में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी न मिले।”

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