तहव्वुर का सफल प्रत्यर्पण आतंक के खिलाफ मोदी सरकार की सख्त नीति का प्रमाण: भाजपा

26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि उसे अमेरिका से भारत लाना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की बड़ी जीत बताया। पूनावाला ने कहा कि यह प्रत्यर्पण सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि भारत के नए संकल्प और आत्मविश्वास का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘चाहे कोई भी अपराधी पाताल में ही क्यों न छिपा हो, भारत अब उसे ढूंढकर न्याय के कटघरे में लाने की ताकत रखता है।’

यूपीए सरकार पर निशाना
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपीए शासन में आतंकवाद पर सख्त कार्रवाई की बजाय वोट बैंक की राजनीति की जाती थी। उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए के कार्यकाल में कुछ आतंकियों को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया गया क्योंकि वे एक खास धर्म से थे। उस दौर में पाकिस्तान को ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा दिया जाता था, जबकि आज ऐसे देश को ‘मुंहतोड़ जवाब’ (एमर्ज) की नीति अपनाई जाती है।

कांग्रेस नेताओं के पुराने बयानों पर उठाए सवाल
भाजपा नेता ने कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के उस कथित बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने शहीद हेमंत करकरे की मौत के लिए आतंकियों की बजाय पुलिसवालों को दोषी ठहराया था। उन्होंने पूछा कि क्या अब वे लोग माफी मांगेंगे जिन्होंने 26/11 को संघ या हिंदुओं की साजिश बताया था? उन्होंने यह भी कहा कि 2004 से 2014 के बीच हुए आतंकवादी हमलों की लंबी सूची इस बात का प्रमाण है कि उस समय राजनीतिक इच्छाशक्ति की भारी कमी थी। वहीं, अब मोदी सरकार के नेतृत्व में एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ठोस कदम उठाए गए हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत
शहजाद पूनावाला ने कहा कि आज भारत 17 से 18 देशों से अपराधियों और आतंकियों को प्रत्यर्पित करवा रहा है। यह भारत की कूटनीतिक सफलता और वैश्विक मंचों पर प्रभावशाली उपस्थिति का संकेत है। उन्होंने कहा, ‘आज भारत न्याय की भीख नहीं मांगता, बल्कि आतंक फैलाने वाले देश भारत से डरते हैं।’

कड़े कानूनों पर विपक्ष का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण
यूएपीए, पीएफआई बैन, नए बीएनएस कानून और एनआईए कानून पर विपक्ष के विरोध को पूनावाला ने वोट बैंक की राजनीति बताया। उन्होंने कहा कि जब भी आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई होती है, कुछ लोग सहानुभूति जताते हैं, जो शहीदों के अपमान के समान है।

कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाया था आरोप
वहीं इससे पहले कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर कई दावे किए थे। उन्होंने कहा कि- मोदी सरकार इस घटनाक्रम का श्रेय लेने के लिए होड़ में लगी है, जबकि सच्चाई उनके दावों से कोसों दूर है। यूपीए सरकार में 2011 के दौरान एनआईए की एक तीन सदस्यीय टीम ने अमेरिका जाकर मुंबई हमलों के मुख्य आरोपियों में से एक हेडली से पूछताछ की थी। इस मामले में पहली बड़ी कार्रवाई 11 नवंबर 2009 को हुई, जब एनआईए ने नई दिल्ली में डेविड कोलमैन हेडली (अमेरिकी नागरिक), तहव्वुर राणा (कनाडाई नागरिक) और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था। उसी महीने कनाडा के विदेश मंत्री ने भारत को खुफिया मदद देने की पुष्टि की। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा, वह यूपीए सरकार की कुशल विदेश नीति का सीधा परिणाम था।

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