महाराष्ट्र में 2 हफ्ते के कड़े लॉकडाउन की टास्क फोर्स ने की सिफारिश, कल 11 बजे अजीत पवार के साथ बैठक करेंगे सीएम उद्धव

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण की बेकाबू होती स्थिति के बीच कोविड टास्क फोर्स के साथ राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की रविवार की शाम महत्वपूर्ण हुई. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कोरोना के प्रसार की रोकथाम के लिए 8 दिनों के लॉकडाउन के पक्ष में दिखे. दूसरी तरफ, कोविड टास्क फोर्स के कुछ सदस्यों ने कहा कि चेन ब्रेक करने के लिए 14 दिनों के कड़े लॉकडाउन की जरूरत है. ऐसे में बैठक के दौरान दो तरह की राय निकलकर सामने आई. इस बैठक के खत्म होने के बाद उद्धव ठाकरे ने राज्य के स्वास्थ्यमंत्री राजेश तोपे के साथ विस्तृत रूप से चर्चा की.

इसके बाद राजेश तोपे ने बताया कि कल यानी सोमवार की सुबह 11 बजे एक बार फिर से बैठक होगी. यह बैठक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के उप-मुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच होगी.

टास्क फोर्स के साथ बैठक में ऑक्सीजन, बेड्स पर चिंता

इधर, कोविड टास्क फोर्स के साथ बैठक के दौरान बेड्स की संख्या, ऑक्सीजन की उपलब्धता और वेंटिलेटर को लेकर जानकारों ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने चिंता व्यक्त की है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहे तनाव को भी कम करने का मत डॉक्टर ने व्यक्त किया है. रेमडिवीसी दवा की उपलब्धता का भी विषय प्रमुखता से रखा गया है.

इससे पहले, महाराष्ट्र में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने संकेत दिया कि राज्य सरकार संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए 12 अप्रैल से 15 दिनों का लॉकडाउन लगा सकती है. सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी के तीनों दलों और भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधियों की एक बैठक में उन्होंने इस संबंध में राज्य सरकार के लिए जाने वाले किसी भी निर्णय के लिए सभी दलों से सहयोग मांगा. पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस सहित उपस्थित सभी लोगों ने उन्हें समर्थन का आश्वासन दिया.

आर्थिक चिंताओ को नहीं कर सकते नजरअंदाज
विपक्ष के नेता फडणवीस ने मांग की थी कि सरकार ने लॉकडाउन के दौरान लोगों के जॉब लॉस और आजीविका के मुद्दों की आशंका को दूर करने के लिए एक डिलेट प्लान बनाए. उन्होंने कहा कि एक विपक्षी दल के रूप में हम सरकार को अपना समर्थन देने और लॉकडाउन से प्रभावित सभी पक्षों तक पहुंचने के लिए तैयार हैं. लेकिन साथ ही हमें चुनौतियों से सामंजस्य बनाने के लिए कुछ विकल्प देने होंगे. उन्होंने कहा कि आर्थिक चिंताओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता. लोगों में भारी अशांति है क्योंकि यह उनकी आजीविका और व्यावसायिक चिंताओं से जुड़ा प्रश्न है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here