सोना बेचने से हुए लाभ पर भी देना होता है टैक्स, यहां जानें किस तरह के सोने पर कितना टैक्स लगता है

इन दिनों अगर आप सोने में निवेश करने या इसे खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो आपको इससे होने वाले फायदे पर लगने वाले टैक्स की जानकारी भी होना चाहिए। जब आप सोना बेचते हैं तो आप पर टैक्स लगाया जाता है और टैक्स की दर उसके खरीदे गए तरीके के हिसाब से रहती है। अगर आप टैक्स नहीं चुकाते हैं ये इनकम टैक्स चोरी मानी जाएगी। आइए जानते हैं सोना बेचते समय आपको कितना इनकम टैक्स देना होगा।

फिजिकल गोल्ड
फिजिकल गोल्ड में जूलरी और सिक्कों के साथ अन्य सोने की चीजें शामिल होती हैं। अगर आपने सोना 3 साल के अंदर बेचा है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस बिक्री से होने वाले फायदे पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। वहीं अगर सोने को 3 साल के बाद बेचा है तो इसे लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस पर 20% टैक्स देना होता है।

गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ETF
गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स से मिलने वाले लाभ पर फिजिकल गोल्ड की तरह ही टैक्स लगता है। इसको लेकर इनकम टैक्स के कोई अलग से नियम नहीं है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं। हालांकि अगर आप रिडेम्पशन विंडो (खुलने के 5 साल बाद) के पहले या सेकेंड्री मार्केट के जरिए बाहर निकलते हैं तो फिजिकल गोल्ड या गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ईटीएफ पर लगने वाले कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। गोल्ड बॉन्ड 2.50% की दर से ब्याज का भुगतान करते हैं और यह ब्याज आपके टैक्स स्लैब के अनुसार पूरी तरह से टैक्सेबल है।

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