एलन मस्क की अंतरिक्ष एजेंसी SpaceX ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए Starlink परियोजना के तहत 26 नए सैटेलाइट अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किए हैं। इस सफलता के साथ अब स्टारलिंक नेटवर्क में सक्रिय सैटेलाइट्स की संख्या 7600 के पार पहुंच गई है।
यह प्रक्षेपण शुक्रवार को कैलिफोर्निया स्थित वैंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से किया गया। यह लॉन्च मस्क की उस महत्वाकांक्षी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वे पूरी दुनिया में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराना चाहते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां अब तक इंटरनेट पहुंच नहीं सका है।
100 से अधिक सफल लॉन्च के साथ बना दुनिया का सबसे बड़ा सैटेलाइट नेटवर्क
अब तक SpaceX, Starlink मिशन के तहत 100 से ज्यादा सफल प्रक्षेपण कर चुका है। कंपनी का उद्देश्य एक ऐसा ब्रॉडबैंड नेटवर्क स्थापित करना है जो पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित सैटेलाइट्स के ज़रिए तेज़ और कम-विलंबता (low-latency) इंटरनेट सेवा प्रदान करे। मस्क का कहना है कि आने वाले समय में Starlink दुनिया को एक वैश्विक डिजिटल गांव में तब्दील कर देगा, जहां सीमाओं की जगह केवल कनेक्टिविटी का महत्व होगा।
भारत में भी जल्द शुरू होगी Starlink इंटरनेट सेवा
भारत में Starlink को अब आधिकारिक रूप से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने कंपनी को GMPCS (Global Mobile Personal Communication by Satellite) लाइसेंस प्रदान कर दिया है। इसके साथ ही Starlink, भारत में इस लाइसेंस को पाने वाली तीसरी कंपनी बन गई है, इससे पहले OneWeb (भारती एयरटेल-यूटेलसैट) और रिलायंस जियो को यह अनुमति मिल चुकी है।
Starlink वर्ष 2021 से भारतीय बाज़ार में प्रवेश की कोशिश कर रही थी, लेकिन नियामकीय अड़चनों के चलते कंपनी को पीछे हटना पड़ा था और उसे ग्राहकों को एडवांस में ली गई राशि भी लौटानी पड़ी थी। अब मंजूरी मिलने के बाद कंपनी भारत में एक बार फिर अपनी सेवाएं शुरू करने को तैयार है।