सरोवर नगरी में हाल ही में पालिका ने पार्किंग की दरों को बढ़ाकर पांच सौ रुपये प्रति वाहन कर दिया। पालिका बोर्ड का यह निर्णय लागू भी हो गया। देश के पर्यटन शहरों में सर्वाधिक पांच सौ रुपये प्रति वाहन पार्किंग का मामला इंटरनेट मीडिया में टॉप ट्रेंड से नीचे नहीं उतर रहा है। इसको लेकर नकारात्मक प्रतिक्रियाओं से पर्यटन कारोबारी आशंकित हैं।
इधर यहां आने वाले पर्यटक वाहनों के चालक व पर्यटक पालिका के बजाय कम पार्किंग दरों वाली कुमाऊं मंडल विकास निगम की पार्किंग में वाहन पार्क करने के लिए जी जान लगा रहे हैं। निगम प्रबंधन इस मामले में हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहा है। इधर पार्किंग व लेक ब्रिज चुंगी में वृद्धि का मामला मुख्यमंत्री दरबार पहुंच गया है।
पर्यटन नगरी में वाहनों का दबाव कम करने के लिए हाई कोर्ट की ओर से कदम उठाने पर विचार करने को कहा गया तो पालिका की ओर से एक झटके में पार्किंग व लेक ब्रिज चुंगी की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पेश कर दिया। पालिका बोर्ड की बैठक में सर्व सम्मति से पार्किंग की दर प्रति वाहन पांच सौ रुपये कर दी गई। जबकि लेक ब्रिज की दर प्रति वाहन पर्यटकों के लिए तीन सौ, स्थानीय लोगों के लिए दो सौ कर दी गई।
यहां तक कि सालों पहले बंद हो चुकी फांसी गधेरा चुंगी व बारापत्थर चुंगी को फिर से शुरू करने का निर्णय ले लिया गया। इस मामले में बोर्ड के प्रस्ताव के बाद बायलॉज में संशोधन होना है, इसके लिए पहले आम जनता से आपत्तियां मांगने का प्रविधान है जबकि हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई 17 अप्रैल को होनी है।
निगम की पार्किंग में गाड़ी पार्क कराने की होड़
सरोवर नगरी में नगरपालिका संचालित डीएसए मैदान, मेट्रोपोल, बीडी पाण्डे अस्पताल के समीप, बारापत्थर पार्किंग है। जब से महंगी पार्किंग दर पालिका ने लागू की, पर्यटक गाइड भी पर्यटकों के वाहनों को सूखाताल केएमवीएन पार्क करने को भेज रहे हैं।
निगम संचालित केव गार्डन से देवदार लॉज तक सरफेस पार्किंग में बड़े चार पहिया वाहन की दर 150, बड़े चार पहिया प्रति वाहन 150 रुपये, छोटे चौपहिया प्रति वाहन सौ रुपये, बस-ट्रक की दो सौ तथा दोपहिया का प्रति वाहन 50 रुपये है। केएमवीएन की बहुमंजिला पार्किंग की दर भी यही है।