खतौली के पूर्व पालिका चेयरमैन पर लटकी कानून की तलवार

मुजफ्फरनगर। भाजपा नेता की हत्या की साजिश रचने के आरोपी खतौली नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन पारस जैन पर कानून की तलवार लटक गई है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद जिला विशेष सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार ने आरोपी की सीआरपीसी की धारा 83 के तहत कुर्की वारंट जारी किए है।

खतौली निवासी भाजपा राजू वाल्मीकि की हत्या में साजिश रचने के मामले में आरोपी पारस जैन को अदालत ने तलब किया था। हाईकोर्ट ने उनकी अपील पर नवंबर 2022 में मामले में अंतरिम स्थगन आदेश पारित करते हुए राहत प्रदान की थी। मगर, 20 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए स्टे से मुक्त कर दिया। स्टे से पूर्व विशेष अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ 82 की कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए। वादी ने अदालत को सत्र परीक्षण में आरोपी के खिलाफ हाईकोर्ट द्वारा खारिज अपील के आदेश की प्रमाणित कॉपी दाखिल की। पीठासीन अधिकारी रजनीश कुमार ने मामले में आरोपी की धारा 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई करने के आदेश पारित किए है। चूंकि विशेष सत्र परीक्षण का निस्तारण हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में एक वर्ष में करना है। एडीजे ने आदेश की तामील अविलंब कराने के आदेश पुलिस को दिए है। मामले में अगली कार्रवाई के लिए 17 फरवरी नियत की गई।

ये था मामला

अप्रैल 2017 में खतौली में भाजपा नेता राजा वाल्मीकि की हत्या हुई थी। हत्याकांड में मृतक के भाई राणा प्रताप ने तत्कालीन पालिका अध्यक्ष पारस जैन को हत्या की साजिश का आरोपी बनाया गया था। उस वक्त पुलिस ने विवेचना में उनको क्लीन चिट दे दी थी। मगर, पुलिस की एकतरफा कार्रवाई पर वादी ने अदालत में एतराज जताया। धारा 319 के तहत आरोपी पारस जैन को मार्च 2022 में विशेष सत्र न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) ने हत्या की साजिश के आरोप में तलब किया था। पारस जैन के अदालत में हाजिर नहीं होने के कारण गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी किए गए। बाद में 82 की कार्रवाई करते हुए कुर्की नोटिस जारी हुए। प्रकरण में अन्य आरोपियों की फाइल पारस जैन से अलग कर दी गई थी। फिलहाल हाईकोर्ट में दाखिल दाखिल दांडिक अपील खारिज होने के बाद आखिरकार पूर्व चेयरमैन कानून के शिकंजे में फंस गए है।

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