सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार (06 दिसंबर) को पूर्व सीजेआई रंजन गोगाई के खिलाफ न्यायिक जांच को लेकर दायर की गई याचिका खारिज कर दी। इस संबंध में अदालत ने आदेश भी जारी कर दिया।
अदालत ने दिया यह जवाब
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने बताया कि अगर याचिकाकर्ता असंतुष्ट था तो उसे क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करनी चाहिए थी। वहीं, याचिकाकर्ता का कहना था कि उसे क्यूरेटिव पिटिशन पर यकीन नहीं था। ऐसे में अदालत ने जवाब दिया कि वह इस मामले में कोई मदद नहीं कर सकती है।
याचिकाकर्ता ने लगाया था यह आरोप
याचिकाकर्ता का आरोप था कि पूर्व सीजेआई गोगोई के नेतृत्व वाली बेंच ने उसके केस को तानाशाही अंदाज में खारिज कर दिया था। उन्होंने महज 10 मिनट ही सुनवाई की थी और कॉर्पोरेट निकाय के पक्ष में फैसला सुना दिया। इस मामले में अदालत का कहना था कि लेबर कोर्ट ने भी याचिकाकर्ता के खिलाफ फैसला सुनाया था।
अदालत ने की यह टिप्पणी
अदालत ने अपने फैसले में कहा, ‘आपने बताया कि उच्च न्यायालय ने गलत तरीके से फैसला पलट दिया था। समीक्षा याचिका खारिज होने के बाद आपने जनहित याचिका दायर की थी।’ बता दें कि याचिकाकर्ता क्यूरेटिव पिटिशन के पक्ष में नहीं था। ऐसे में अदालत ने मामले का निस्तारण कर दिया।