2023 में नहीं होगा NEXT एग्जाम, पहले की तरह होगी एमबीबीएस और नीट पीजी परीक्षा

एमबीबीएस फाइनल ईयर, नीट पीजी और एफएमजीई परीक्षा की जगह लेने वाला कॉमन नेक्स्ट एग्जाम ( NExT exam ) अगले साल 2023 में नहीं होगा। नेक्स्ट एग्जाम के आयोजन की समयसीमा सितंबर 2024 तक बढ़ा दी गई है। यानी एग्जिट परीक्षा नेक्स्ट में एक और वर्ष की देरी होगी। दरअसल केंद्र सरकार ने एनएमसी अधिनियम के प्रावधानों को लागू किया है, जिसके तहत एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों के लिए नेशनल एग्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) आयोजित करने की समय सीमा सितंबर 2024 तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है कि नेक्स्ट परीक्षा 2023 में नहीं होगी, लेकिन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) अधिनियम की धारा-59 को लागू करते हुए 23 सितंबर को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राजपत्र अधिसूचना में कहा गया है कि परीक्षा आयोजित करने के लिए नियम अभी तैयार किए जाने हैं और एग्जामिनेशन सेल के गठन की प्रक्रिया भी जारी है।

क्या है एनएमसी एक्ट में 
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के मुताबिक आयोग को एक्ट लागू होने के तीन सालों के भीतर फाइनल ईयर के लिए कॉमन अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एग्जाम नेक्स्ट परीक्षा आयोजित करनी होती है। यह एक्ट सितंबर 2020 में लागू हुआ था।

क्या है नेक्स्ट परीक्षा ( What is NeXt Exam )    
नेशनल एग्जिट टेस्ट (नेक्स्ट) शुरू होने के बाद एमबीबीएस छात्रों को फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं देनी होगी। उन्हें नेक्स्ट परीक्षा में बैठना होगा। इसी टेस्ट की मेरिट के आधार पर पीजी में प्रवेश के लिए भी मेरिट बनेगी। यानी नीट पीजी ( NEET PG ) की जरूरत नहीं रहेगी। नीट पीजी को खत्म कर दिया जाएगा। तीसरे जो छात्र विदेशों से मेडिकल की डिग्री लेकर आते हैं, उन्हें अभी अलग से एक टेस्ट ( FMGE – फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन  ) पास करना होता है, लेकिन भविष्य में उन्हें भी नेक्स्ट में ही बैठना होगा। विदेश से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को FMGE परीक्षा की जगह भारतीय एमबीबीएस छात्रों के साथ नेक्स्ट परीक्षा देनी होगी। इस प्रकार कुल तीन परीक्षाएं नेक्स्ट में समाहित हो जाएंगी।’

क्या है अधिसूचना में
अधिसूचना में कहा गया है कि लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी इस मामले में नियम नहीं बनाए गए हैं और परीक्षा सेल का गठन भी प्रक्रियाधीन है। इसमें कहा गया है, ”इसलिए अब केंद्र सरकार राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम-2019 की धारा-59 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उक्त कठिनाइयों को दूर करने के लिए यह आदेश देती है।”

इस आदेश को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग पहला (कठिनाइयों का निवारण) आदेश, 2022 कहा जा सकता है और यह आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगा। अधिसूचना में कहा गया है, ”अधिनियम की धारा-15 की उप-धारा (3) में ‘तीन वर्ष’ शब्द के स्थान पर ‘चार वर्ष’ शब्द किया जाएगा।”
     
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, नीट पीजी परीक्षा आमतौर पर हर साल अप्रैल या मई के आसपास आयोजित की जाती है और चूंकि नेक्स्ट को नीट-पीजी की जगह लेनी है, लिहाजा यह परीक्षा अप्रैल या मई महीने में आयोजित की जाएगी।

नेक्स्ट एग्जाम का सिलेबस और पैटर्न तय नहीं
अधिकारी ने कहा, ‘परीक्षा आयोजित करने के लिए उसके तौर-तरीकों पर काम करने की जरूरत होती है।  परीक्षा का सिलेबस, उसका पैटर्न तय करना होता है। यह डिस्क्रिप्टिव एग्जाम होगा या ऑब्जेक्टिव? इस तरह के कई नियम बनाने होते हैं। स्टूडेंट्स को भी इसकी तैयारी करने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत होगी। एग्जाम कौन सी एजेंसी कराएगी, इसका भी निर्धारण करना होगा। मॉक टेस्ट की सुविधा भी देनी होगी। 

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